Last Updated: Thursday, February 2, 2012, 08:00
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट
ने गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की आगे की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) नियुक्त करने से इनकार कर दिया। लेकिन उसने घोटाले में कई प्रभावशाली लोगों के शामिल होने के मद्देजनर विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच की निगरानी के लिए केन्द्रीय सतर्कता आयोग से सहायता मांगी।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने कहा कि मामले की प्रकृति और बड़ी संख्या में प्रभावशाली लोगों के शामिल होने की बात को ध्यान में रखते हुए हम महसूस करते हैं कि 2003 के सीवीसी कानून की धारा 3(2) के तहत नियुक्त केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त और वरिष्ठ सतर्कता आयुक्त की अवाश्यकता पड़ेगी ताकि मामले की आगे की जांच की प्रभावी निगरानी के लिए अदालत की मदद की जा सके।
शीर्ष न्यायालय ने सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य सरकारी एजेंसियों से कहा कि वह अपनी स्थिति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सीवीसी को सौंपे। सीवीसी इन एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच के बारे में अपना सुझाव देगा।
पीठ ने यह आदेश गैर सरकारी संगठन सेंटर फार पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन और जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी के अनुरोध पर दिया। दोनों याचिकाकर्ताओं ने सरकारी एजेंसियों द्वारा की जा रही जांच पर सवाल उठाते हुए एसआईटी गठित करने के लिए उससे निर्देश देने को कहा था।
बहरहाल शीर्ष न्यायालय याचिकाकर्ताओं की दलीलों से संतुष्ट नहीं हुआ और उसे एजेंसियों द्वारा अभी तक की गई जांच पर संतोष जताया।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 2, 2012, 21:30