Last Updated: Friday, November 23, 2012, 13:08

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली: 2जी आवंटन घोटाला मामले कैग के पूर्व डीजी ऑडिट आर पी सिंह ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होने इस मसले पर पीएसी चेयरमैन मुरली मनोहर जोशी को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
उन्होने सीधे-सीधे सीएजी विनोद राय पर उंगली उठाई है। आर पी सिंह का आरोप है कि 2जी स्पेक्ट्रम में घोटाले में घाटा बहुत ज्यादा दिखाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनपर दबाव डालकर कैग रिपोर्ट पर दस्तखत करवाया गया।
उनके मुताबिक ऑडिट रिपोर्ट में अनुमानित घाटा 2 हजार 6 सौ 45 करोड़ का था जिसे 1 लाख 76 हजार करोड़ दिखाया गया था। उन्होंने यह दावा किया कि 31 मई, 2010 को भेजी गई उनकी रिपोर्ट के मुताबिक नुकसान का आंकड़ा 2,645 करोड़ रुपये था।
उन्होने आरोप लगाया है कि सीएजी के कुछ अधिकारी 2011 में गुडफ्राइडे पर जोशी के घर गए थे ताकि 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पैनल की रिपोर्ट तैयार करने में जोशी को सहयोग कर सके। कैग की रिपोर्ट को जब लोक लेखा समिति यानी पीएसी के सामने रखा गया था तो कांग्रेस के सभी सदस्यों समेत तकरीबन आधे सदस्यों ने रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। जिसके बाद भी पीएसी के चेयरमैन जोशी ने रिपोर्ट का विरोध कर रहे 21 सदस्यों के दस्तखत के बगैर उसे लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को सौंप दिया था।
आरपी सिंह सीएजी में महानिदेशक (पोस्ट एंड टेलीकम्युनिकेशंस) रहे हैं। आरपी सिंह ने कहा है कि सीएजी के अधिकारियों ने बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी से भी मुलाकात की थी, जो संसद में सीएजी रिपोर्ट पेश होने से पहले पीएसी चेयरमैन बन चुके थे
आरपी सिंह का कहना है कि उन्होंने बड़े अधिकारियों को यह लिखकर कहा था कि वह 2जी स्पेक्ट्रम की रिपोर्ट से सहमत क्यों नहीं हैं। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। आर पी सिंह सितंबर 2011 में रिटायर हुए थे। उन्हें 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले पर बनी जेपीसी से भी अपदस्थ किया गया था।
गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि सरकार को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन में 1.76 लाख करोड़ का घाटा हुआ है। इस आंकड़े के मीडिया में आने के बाद भारी सियासी तूफान मचा था।
First Published: Friday, November 23, 2012, 11:41