Last Updated: Wednesday, December 21, 2011, 11:42
नई दिल्ली : एस्सार समूह के प्रवर्तक अंशुमान और रवि रुईया सहित पांच अन्य व्यक्तियों को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को सम्मन जारी किया। अदालत ने 2जी घोटाले की जांच में सीबीआई के तीसरे आरोपपत्र का संज्ञान लेने के बाद ये समन जारी किए।
सीबीआई के विशेष जज ओपी सैनी ने लूप टेलीकाम की प्रवर्तक किरण खेतान उनके पति आईपी खेतान और एस्सार समूह के निदेशक (रणनीति एवं योजना) विकास सर्राफ और तीन कंपनियों लूप टेलीकाम प्राईवेट लिमिटेड, लूप मोबाईल इंडिया लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग को सीबीआई के तीसरे आरोपपत्र में आरोपी करार दिया गया। उन्हें 27 जनवरी 2012 को अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।
सीबीआई ने 12 दिसंबर को दायर अपने आरोपपत्र में एस्सार और लूप के प्रवर्तकों पर दूरसंचार विभाग को धोखा देने का आरोप लगाया लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत उनके उपर मुकदमा चलाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला।
इसमें कहा गया कि जांच में इस मामले में सार्वजनिक जीवन से जुड़े व्यक्ति की गलत मंशा का साक्ष्य नहीं मिला। एस्सार समूह ने एक बयान में 2जी घोटाला मामले में शामिल होने की बात से इनकार किया था और कहा कि उसने टेलीकॉम लाईसेंस की सभी शर्तों का अनुपालन किया। इसमें दावा किया गया कि सीबीआई ने इस बात की पुष्टि की है कि एस्सार 2जी घोटाले में शामिल नहीं था।
सीबीआई ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों और कंपनी ने दूरसंचार विभाग के साथ धोखाधड़ी करने के लिए एक जटिल कापरेरेट आवरण तैयार किया जिसके तहत यह छुपाया गया कि दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनी एस्सार की वोडाफोन (उस समय हच) में बड़ी हिस्सेदारी है और उसकी लूप टेलीकाम में 10 फीसद से अधिक हिस्सेदारी है।
(एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 21, 2011, 19:12