Last Updated: Friday, August 24, 2012, 12:05

नई दिल्ली: वित्तमंत्री पी. चिदंबरम को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उच्चतम न्यायालय ने 2जी मामले में उनके खिलाफ दायर याचिका को आज खारिज कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ आपराधिक साजिश या वित्तीय फायदा हासिल करने की प्रथम दृष्टया कोई सामग्री नहीं है । याचिका में चिदंबरम को सह अरोपी बनाने का आग्रह किया गया था ।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की पीठ ने कहा, ‘‘पी. चिदंबरम के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और सीबीआई अदालत के फैसले के खिलाफ दायर विशेष अनुमति याचिका विचार करने योग्य नहीं है । इसलिए यह खारिज की जाती है ।’’ यह याचिका जनता पार्टी के प्रमुख सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर की थी ।
स्वामी ने याचिका में आग्रह किया था कि चिदंबरम के खिलाफ जांच का निर्देश दिया जाए और उन्हें पूर्व संचार मंत्री ए राजा के साथ सह आरोपी बनाया जाए । पीठ ने उनके आग्रह को खारिज करते हुए कहा कि आपराधिक साजिश का मामला सिर्फ इस संदेह के आधार पर नहीं चलाया जा सकता कि फैसला लेने के लिए दूरंसचार विभाग के अधिकारियों और दोनों विभागों के मंत्रियों राजा तथा तत्कालीन वित्तमंत्री चिदंबरम के बीच बैठक हुई थी ।
न्यायालय ने कहा कि इस बारे में ‘‘प्रथम दृष्टया कोई सामग्री नहीं’’ है कि चिदंबरम ने कोई आर्थिक लाभ हासिल किया और न ही यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड में कोई सामग्री है कि उन्होंने तत्त्कालीन वित्तमंत्री के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया ।
न्यायाधीशों ने कहा कि स्पेक्ट्रम आवंटन में घटिया प्रबंधन को आपराधिक साजिश का हिस्सा नहीं कहा जा सकता ।
यह दूसरी बार है जब चिदंबरम को न्यायिक राहत मिली है । इससे पहले दिल्ली की एक अदालत ने गत चार फरवरी को 2जी मामले के एक सह आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया था । (एजेंसी)
First Published: Friday, August 24, 2012, 09:17