Last Updated: Thursday, February 23, 2012, 09:08
नई दिल्ली : जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने 2जी मामले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम को क्लीन चिट दिए जाने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। निचली अदालत ने चिदंबरम को 2जी मामले में आरोपी बनाने से इनकार करते हुए कहा था कि वह मामले से संबंधित किसी आपराधिक साजिश में शामिल नहीं थे।
स्वामी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम भी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा जितने ही दोषी हैं क्योंकि स्पेक्ट्रम का मूल्य तय करने और दूरसंचार कंपनियों को अपनी हिस्सेदारी विदेशी कंपनियों को बेचने की अनुमति देने में उनकी भी भूमिका थी। उन्होंने कहा था कि निचली अदालत के समक्ष पेश किए गए सबूत यह साबित करने के लिए पर्याप्त थे कि तत्कालीन वित्तमंत्री चिदंबरम ने प्रथम दृष्टया भ्रष्टाचार निरोधी अधिनियम तथा अन्य आपराधिक कानूनों के दायरे में आने वाले अपराध किए।
स्वामी की अपील को हालांकि, विशेष सीबीआई अदालत ने चार फरवरी को खारिज कर दिया था। इसने कहा था कि चिदंबरम ने राजा के साथ लिए गए फैसलों में कोई आपराधिक साजिश नहीं की और न कोई आर्थिक लाभ हासिल किया।
निचली अदालत ने कहा था कि 2008 में स्पेक्ट्रम आवंटन के समय वित्तमंत्री रहे चिदंबरम सिर्फ दो फैसलों, स्पेक्ट्रम के मूल्यों को 2001 के स्तर पर रखने तथा दो कंपनियों द्वारा हिस्सेदारी बेचने में पक्ष थे। सुप्रीम कोर्ट ने दो फरवरी को मामले में चिदंबरम के बारे में फैसला विशेष अदालत पर छोड़ दिया था।
निचली अदालत ने स्वामी द्वारा दायर निजी आपराधिक शिकायत को यह कहकर खारिज कर दिया था कि यह विचार करने योग्य नहीं है । इसने कहा था कि स्वामी यह साबित करने के लिए रिकार्ड में सबूत नहीं ला सके कि चिदंबरम भ्रष्ट एवं अवैध उद्देश्य के साथ काम कर रहे थे और उनके खिलाफ मामला 2जी मामले में सामना कर रहे अन्य आरोपी से अलग है।
(एजेंसी)
First Published: Thursday, February 23, 2012, 14:38