Last Updated: Friday, April 19, 2013, 14:26

नई दिल्ली : टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में जेपीसी की रिपोर्ट ‘लीक’ करने को संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन करार देते हुए भाजपा ने कहा कि इस मसौदा रिपोर्ट में जो बातें कही गई है वह कांग्रेस का दस्तावेज प्रतीत होता है जिसमें प्रधानमंत्री समेत उसके अन्य नेताओं को बचाने का प्रयास किया गया है।
भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि मीडिया ने टू जी घोटाले पर संयुक्त संसदीय समिति की मसौदा रिपोर्ट को व्यापक तौर पर दिखाया । यह संसदीय शिष्टाचार का उल्लंघन है कि किसी मसौदा रिपोर्ट पर इस तरह से चर्चा की जाती है।
उन्होंने कहा कि मसौदा रिपोर्ट कांग्रेस के दस्तावेज की तरह लग रहा है और जेपीसी रिपोर्ट नहीं । इस मसौदा रिपोर्ट में टू जी घोटाले में प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री समेत अन्य नेताओं को बचाने की इच्छा दिखाई दे रही है और इस बड़े घोटाले के व्यापक प्रभाव पर तटस्थ भाव से विचार करना बाकी है जिसके कारण देश को शर्मसार होना पडा। प्रसाद ने कहा कि उन्होंने अभी मसौदा रिपोर्ट को नहीं पढ़ा है क्योंकि सदस्यों को यह रिपोर्ट आज ही दी गई है।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह मामला गहरे दुख और आश्चर्य का विषय है और मसौदा रिपोर्ट पर बैठक में चर्चा करने, संशोधन पेश करने से जुड़ी परंपरा का उल्लंघन है। इस बारे में कोई चर्चा हो पाती, इससे पहले ही यह मीडिया के सामने आ गयी। यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि मीडिया में जेपीसी की रिपोर्ट से जुड़ी जो बातें सामने आई है कि हमें उसपर कड़ी आपत्ति है और हम 25 अप्रैल को होने वाली जेपीसी की बैठक में अपनी आपत्ति को रखेंगे और पूरजोर तरीके से इसे उठायेंगे।’’ संयुक्त संसदीय समिति ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि उन्हें तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा ने ‘गुमराह’ किया था। साथ ही जेपीसी ने कहा कि राजा ने जो आश्वासन दिए थे, वे ‘झूठे’ साबित हुए।
जेपीसी की रिपोर्ट के मसौदे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के निष्कर्ष को भी खारिज किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नुकसान का यह आंकड़ा सही अनुमान पर आधारित नहीं है। (एजेंसी)
First Published: Friday, April 19, 2013, 14:26