Last Updated: Wednesday, February 8, 2012, 17:12
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट की ओर से टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में बीते दिनों दिए गए फैसले के मद्देनजर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को अटॉर्नी जनरल से सलाह मांगी है। प्रधानमंत्री ने यह भी पूछा है कि इस मामले में पुनरीक्षण याचिका की आवश्यकता है या नहीं। गौर हो कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को टूजी घोटाला मामले में टेलीकाम कंपनियों के 122 लाइसेंसों का रद्द करने का फैसला सुनाया था। लाइसेंसों के रद्द होने के फैसले से कई विदेशी टेलीकॉम कंपनियां नार्वे की टेलीनॉर, रूस की सिस्टेमा, एतिसलात और यूएई की एस-टेल प्रभावित हुईं।
उधर, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 2जी मामले में शीर्ष अदालत के पहले के आदेश पर स्पष्टीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटाखटाया। सीबीआई ने न्यायालय से जानना चाहा है कि 2जी मामले में जांच के दौरान जिन कंपनियों पर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत आरोप नहीं लगाए गए हैं क्या उनकी सुनवाई भी विशेष अदालत में हो सकती है।
दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा इस बारे में निर्देश दिए जाने के बाद केंद्रीय एजेंसी ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है। न्यायालय ने इस मामले में एस्सार और लूप से भी स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध किया है। उच्च न्यायालय का यह निर्देश मामले में हुई संक्षिप्त सुनवाई के बाद आया है। एस्सार टेक्नालाजीज लिमिटेड और लूप टेलिकॉम लिमिटेड ने उच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा कि 2जी घोटाले में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप नहीं है इसलिए मामले को विशेष न्यायधीश की अदालत से बाहर मजिस्ट्रेट अदालत में लाया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि दूरसंचार कंपनियों की इस सुनवाई में उसके समक्ष शीर्ष न्यायालय का वह निर्देश सामने आ रहा है जिसमें उच्चतम न्यायालय ने विशेष अदालत का गठन करते हुये कहा है कि 2जी मामले की सुनवाई इसके अलावा किसी अन्य न्यायालय में नहीं हो सकेगी।
First Published: Thursday, February 9, 2012, 13:18