Last Updated: Thursday, October 18, 2012, 14:06

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को 2जी मामले में संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के समक्ष गवाह के रूप में बुलाए जाने की मांग को लेकर भाजपा के सदस्यों ने गुरुवार को एक बार फिर इसकी बैठक का बहिष्कार किया।
जेपीसी की 11 अक्टूबर की बैठक में भी भाजपा सदस्य नहीं आए थे और आरोप लगाया कि समिति के अध्यक्ष पीसी चाको गवाहों की सूची को अंतिम रूप देने और उसमें प्रधानमंत्री और चिदंबरम को शामिल करने में असफल रहे हैं। जेपीसी में भाजपा के छह सदस्य हैं।
भाजपा सदस्यों ने जुलाई और सितंबर महीने में हुई बैठकों में हंगामा किया था और आरोप लगाया कि चाको ‘पक्षपात’ कर रहे हैं तथा कांग्रेस के सदस्य उनके खिलाफ अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। भाजपा के नेता और जेपीसी के सदस्य यशवंत सिन्हा ने इससे पहले चाको को पत्र लिखकर कहा था कि यह समिति ‘विशेष प्रकृति’ की है और इसलिये प्रधानमंत्री को बुलाकार एक मिसाल पेश की जा सकती है।
पत्र में उन्होंने दलील दी कि प्रधानमंत्री सीधे तौर पर 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के कुछ फैसलों में शामिल थे और ‘केवल वह’ ही इससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब दे सकते हैं। भाजपा ने चाको को स्पष्ट रूप से बता दिया है कि जब तक गवाहों की सूची को अंतिम रूप नहीं दे दिया जाता और प्रधानमंत्री तथा वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को बतौर गवाह बुलाया नहीं जाता तब तक वह जेपीसी की बैठकों में हिस्सा नहीं लेगी। (एजेंसी)
First Published: Thursday, October 18, 2012, 14:06