Last Updated: Friday, April 19, 2013, 00:04

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : जेपीसी की रिपोर्ट के मसौदे में 2जी मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को क्लीन चिट दिया गया है। जेपीसी ने कहा कि पहले आओ, पहले पाओ की नीति को ट्राई का समर्थन प्राप्त था।
संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि उन्हें तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा ने ‘गुमराह’ किया था। साथ ही जेपीसी ने कहा कि राजा ने जो आश्वासन दिए थे, वे ‘झूठे’ साबित हुए। जेपीसी की रिपोर्ट के मसौदे में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के 1.76 लाख करोड़ रुपये के नुकसान के निष्कर्ष को भी खारिज किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि नुकसान का यह आंकड़ा सही अनुमान पर आधारित नहीं है।
यह रिपोर्ट गुरुवार को सदस्यों के बीच वितरित की गई। 25 अप्रैल को रिपोर्ट को स्वीकार किया जाएगा। इसमें यह भी आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन सालिसिटर जनरल जी ई वाहनवति द्वारा 7 जनवरी, 2008 के प्रेस नोट को देखे जाने के बाद राजा ने उससे छेड़छाड़ की थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि समिति यह बताना चाहती है कि पहले आओ पहले पाओ (एफसीएफएस) से संबंधित प्रक्रिया तथ्यों को गलत प्रस्तुतीकरण थी और यह उस समय मौजूद प्रक्रियाओं से अलग थी।
उधर, 2जी मामले पर जेपीसी की मसौदा रिपोर्ट को खारिज करते हुए भाजपा और भाकपा ने आज कहा कि यह ‘कांग्रेस रिपोर्ट’ बनकर रह गई है और वे अलग से अपना असंतोष पत्र देंगे। दोनों पार्टियों ने आरोप लगाया कि यह पूरे मामले पर पर्दा डालने की कवायद है। भाकपा नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि हम इसे खारिज करेंगे। हम अपने विचार देंगे। यह मामले पर पर्दा डालने की कोशिश है। यह कांग्रेस पार्टी के इशारे पर गढ़ी गई कहानी है। जेपीसी के सदस्य दासगुप्ता ने कहा कि यह सामने आए तथ्यों के विरोधाभासी है।
भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि चूंकि हम जेपीसी का हिस्सा थे, हम अपने विचार रखेंगे ताकि यह भविष्य के लिए ऑन रिकॉर्ड आ जाए। इससे इतिहास कायम होगा क्योंकि ये रिपोर्ट भावी पीढ़ी के लिए होती है।
First Published: Thursday, April 18, 2013, 22:04