2जी मामला: प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर SC में सुनवाई आज से

2जी मामला: प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर SC में सुनवाई आज से

2जी मामला: प्रेसिडेंशियल रेफरेंस पर SC में सुनवाई आज से
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट 2 जी मामले में सरकार की ओर से राष्ट्रपति के जरिए शीर्ष अदालत से मांगी गई राय पर मंगलवार से सुनवाई शुरू करेगा। इन मुद्दों में यह भी शामिल है कि क्या सभी क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी अनिवार्य है।

प्रधान न्यायाधीश एसएच कपाडिया की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई राय पर सुनवाई शुरू करेगी। इसमें शीर्ष अदालत से राय मांगी गई है कि क्या 2 मामले में उसके फैसले को 1994 से आवंटित रेडियो तरंगों के लिए उसे पूर्व तिथि से प्रभावी बनाया जा सकता है।

न्यायालय ने 11 मई को नोटिस जारी किया था और राज्य सरकारों और निजी उद्योगों की तरफ से फिक्की और सीआईआई से जवाब मांगा था। इसके अलावा सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन :सीपीआईएल: और जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी से भी जवाब मांगा गया है।

सीपीआईएल और स्वामी की याचिका पर न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली (अब सेवानिवृत्त) ने दो फरवरी को फैसला सुनाते हुए 122 दूरसंचार लाइसेंसों को रद्द कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति अवैध और असंवैधानिक है।

न्यायमूर्ति सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि सभी प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाना चाहिए। सरकार ने हालांकि कहा है कि नीलामी प्राकृतिक संसाधनों के निपटारे के लिए एकमात्र स्वीकृत तरीका नहीं हो सकता’ और ‘उनके वितरण के लिए एकसमान नीति न तो व्यावहारिक है और न ही यह समान रूप से सबके लिए मददगार हो सकता है।’ उसने यह भी कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का आवंटन नीतिगत मामला है और यह न्यायिक समीक्षा के दायरे के बाहर है।

सीपीआईएल ने कहा है कि सरकार का राष्ट्रपति के जरिए शीर्ष अदालत से राय मांगना बड़े उद्योगपतियों को संसाधनों के आवंटन की अपारदर्शी और भ्रष्ट व्यवस्था को जारी रखने का प्रयास है और वह इस बात को बताने में विफल रही है वह क्यों दुर्लभ प्राकृति संसाधनों की नीलामी के खिलाफ है और वह और किन तरीकों से उन्हें बेचना चाहती है। (एजेंसी)

First Published: Tuesday, July 10, 2012, 09:56

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