Last Updated: Friday, October 14, 2011, 09:40
नई दिल्ली: 2जी स्पेक्ट्रम मामले में पूर्व दूरंसचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और 15 अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के बारे में दिल्ली की एक अदालत अपना फैसला 22 अक्तूबर को सुनाएगी।
इसी प्रक्रिया में अदालत तय करेगी कि किस आरोपी के खिलाफ सुनवाई के लिए प्रथम दृष्टया पर्याप्त सबूत हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह द्रमुक सांसद कनिमोझी सहित विभिन्न आरोपियों के जमानत संबंधी आवेदनों पर 24 अक्तूबर से पुन: सुनवाई करेगी।
अदालत ने अपना आदेश विशेष सरकारी वकील यू यू ललित की दलीलों के समाप्त होने के बाद सुरक्षित रखा। ललित ने सभी 17 आरोपियों के खिलाफ विश्वास के उल्लंघन संबंधी अतिरिक्त आरोप लगाने के बारे में दलीलें दीं। 2जी मामले में आरोपियों के खिलाफ सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की गई थी।
इस मामले की निगरानी कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने गुरुवार को सीबीआई से पूछा था कि आरोपियों को कब तक जेल में रखा जाएगा। पीठ ने पाया कि आरोपी सात माह से अधिक समय से जेल में हैं जबकि अदालत मामले में अब तक आरोप तय करने के बारे में भी फैसला नहीं दे पाई है।
राजा और कनिमोई के अलावा इस मामले के अन्य अभियुक्तों में राजा के पूर्व निजी सचिव आर.के चंदोलिया, पूर्व दूरसंचार सचिव सिद्धार्थ बेहुरा, द्रमुक के स्वामित्व वाले कलिंगनार टेलीविजन के प्रबंध निदेशक शरद कुमार, हिन्दी फिल्म निर्माता करीम मोरानी और रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के कार्यकारी अधिकारी हरी नायर, गौतम दोशी व सुरेंद्र पिपारा शामिल हैं। इनके अलावा रिलायंस टेलीकॉम लिमिटेड, स्वान टेलीकॉम और यूनीटेक (तमिलनाडु) वायरलेस लिमिटेड के अतिरिक्त इस मामले में कुछ अन्य लोगों पर भी आरोप लगाए गए हैं।
इनमें स्वान टेलीकॉम के शाहिद उस्मान बलवा, उनके भाई आसिफ बलवा और उनके सहयोगी राजीव अग्रवाल के अलावा यूनीटेक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा और डी बी रियलिटी के प्रबंध निदेशक विनोद गोयनका शामिल हैं।
(एजेंसी)
First Published: Friday, October 14, 2011, 18:55