Last Updated: Tuesday, April 10, 2012, 17:54
नई दिल्ली : सरकार ने 2जी दूरसंचार लाइसेंस मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले पर इस शीर्ष न्यायालय से राष्ट्रपति के जरिये राय मांगने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई।
राष्ट्रपति के जरिये मांगी जाने वाली राय में उच्चतम न्यायालय से पूछा जायेगा कि 2जी दूरसंचार लाइसेंस मामले में दिया गया उसका फैसला ‘कि सभी क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी की जानी चाहिये’ क्या हर परिस्थिति में अनिवार्य होगा? केन्द्रीय मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में दूरसंचार मंत्रालय के उन प्रस्तावों को मंजूर कर लिया गया जिसमें मंत्रालय ने 2जी मामले में 122 लाइसेंस निरस्त करने के उच्चतम न्यायालय के दो फरवरी के फैसले पर विभिन्न मुद्दों पर राय मांगे जाने का प्रस्ताव किया था।
न्यायालय ने यह भी कहा था कि दूरसंचार स्पेक्ट्रम जैसे प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन के लिये नीलामी करना सबसे बेहतर तरीका है क्योंकि ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति दोषपूर्ण थी।
बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, आज मंत्रिमंडल ने उन सभी सवालों को साफ कर दिया है जिनके लिये हम राष्ट्रपति के जरिये उच्चतम न्यायालय से राय मांगे जाने पर जोर दे रहे थे। दूरसंचार विभाग का मानना है कि न्यायालय के फैसले का कई अन्य क्षेत्रों पर भी असर पड़ सकता है। प्राकृतिक संसाधनों के आवंटन में जिन क्षेत्रों में ‘पहले आओ पहले पाओ’ की नीति अपनाई गई है वहां भी उच्चतम न्यायालय का फैसला प्रभाव डाल सकता है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 11, 2012, 11:59