Last Updated: Friday, May 11, 2012, 08:04
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में अपने फैसले से उठे मुद्दों पर राष्ट्रपति द्वारा मांगी गयी सलाह पर सुनवाई 10 जुलाई से शुरू करने का आज निर्णय किया। सरकार ने राष्ट्रपति के जरिये शीर्ष अदालत से जो सलाह मांगी है, उसमें यह मुद्दा भी शामिल है कि क्या सभी क्षेत्रों से संबद्ध प्राकृतिक संसाधनों की नीलामी जरूरी है।
मुख्य न्यायाधीश एच एस कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने राज्य सरकारों तथा निजी उद्योग की प्रतिक्रिया जानने के लिये उद्योग मंडलों फिक्की तथा सीआईआई को नोटिस जारी किया है। राष्ट्रपति ने जो सलाह मांगी है, उसमें यह मामला भी शामिल है कि क्या 2जी मामले में फैसला पूर्व की तिथि यानी 1994 से आवंटित रेडियो तरंगों पर भी लागू होगा।
न्यायालय ने गैर सरकारी संगठन सेंटर पर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) तथा जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रहमण्यम स्वामी को भी नोटिस दिया है। इन्हीं की याचिकाओं पर न्यायाधीश जी एस सिंघवी तथा न्यायाधीश ए के गांगुली ने 2 फरवरी को फैसला सुनाया था जिसमें 122 लाइसेंस रद्द कर दिए गए।
न्यायालय ने पहले- आओ-पहले-पाओ की नीति को अवैध तथा असंवैधानिक करार दिया। न्यायमूर्ति गांगुली इस फैसले के बाद सेवानिवृत्त हो गये। न्यायाधीश सिंघवी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि सभी प्राकृतिक संसाधनों को नीलामी के जरिये आवंटित किया जाना चाहिए।
(एजेंसी)
First Published: Friday, May 11, 2012, 13:34