Last Updated: Wednesday, April 24, 2013, 17:30
नई दिल्ली: बहुचर्चित 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले की जांच करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए गुरुवार को बैठेगी। बुधवार को यह जानकारी सूत्रों ने दी। जांच को लेकर जेपीसी में मतभेद है। विश्वस्त सूत्रों ने कहा कि रिपोर्ट में स्पेक्ट्रम के दोषपूर्ण आवंटन और लाइसेंस जारी करने के कारण सरकारी खजाने को हुए घाटे का दोषी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को ठहराया गया है। इसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को किसी भी प्रकार की चूक के लिए जिम्मेवार नहीं माना गया है।
गुरुवार की बैठक में रिपोर्ट पर चर्चा होगी और असहमति के नोट के साथ इसके अंतिम रूप को मंजूरी दी जाएगी।
सूत्रों ने कहा कि जेपीसी रिपोर्ट को मतदान के लिए रखे जाने का कोई दृष्टांत नहीं है, लेकिन असहमति की टिप्पणी को अनुमति देना लोकतांत्रिक परंपरा है।
राजा की अभियोज्यता पर जेपीसी में मतभेद है। राजा ने जेपीसी को सौंपे गए अपने बयान में कहा है कि जो कुछ भी किया गया उसमें प्रधानमंत्री की सहमति ली गई थी।
राजा ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार से जेपीसी के समक्ष पेशी की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्हें केवल नोट सौंपने की ही अनुमति दी गई। उनका नोट रिपोर्ट के मसौदे में शामिल किया गया है।
जेपीसी की रिपोर्ट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले ही इसके तथ्य पिछले सप्ताह मीडिया में लीक हो जाने से भी विपक्ष चिढ़ा हुआ है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और डीएमके ने जेपीसी के प्रमुख पी.सी. चाको के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव सौंपा है।
जहां भाजपा इस बात से नाराज है कि रिपोर्ट में कथित रूप से कहा गया है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल के दौरान सरकारी खजाने को 40,000 करोड़ रुपये का चूना लगा, वहीं डीएमके इस बात को लेकर परेशान है कि उसके नेता और पूर्व दूरसंचार मंत्री ए. राजा को 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन की गड़बड़ी का जिम्मेवार ठहराया गया है। वामपंथी दल भी रिपोर्ट लीक होने को लेकर नाराज हैं। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, April 24, 2013, 17:30