Last Updated: Monday, September 3, 2012, 09:40

नई दिल्ली : कोयले पर अंतर-मंत्रालयी समूह ऐसी 58 कोयला खदान प्रखंडों भविष्य के बारे में सोमवार को विचार कर सकता है जिनके विकास के लिए संबंधित कंपनियों ने समयानुसार कदम नहीं उठाए हैं। ये कोयला क्षेत्र सार्वजनिक एवं निजी कंपनियों को कोयले की उनकी निजी जरूरतें पूरी करने के लिए आवंटित किए गए हैं।
कोयला मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि 58 कोयला खदानों के भविष्य के बारे में विचार के लिये कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव जोहरा चटर्जी की अध्यक्षता में गठित अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की सोमवार को बैठक हो सकती है।
कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कोयला मंत्रालय में अधिकारियों को 54 कोयला ब्लाकों की स्थिति के बारे में अंतिम रिपोर्ट 15 सितंबर तक देने को कहा है। सरकार पहले ही समय पर कोयला खदानों को विकसित नहीं करने को लेकर 33 सरकारी तथा 25 निजी कंपनियों को आवंटन रद्द करने का नोटिस दे चुकी है।
कोयला मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी यह स्पष्ट किया है कि कुछ को छोड़कर ये खानें कैग की रिपोर्ट में उल्लेखित खदानों से अलग हैं। हाल ही में संसद में पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि 57 कोयला खदानों को बिना नीलामी के आवंटन किए जाने के कारण निजी कंपनियों को 1.86 लाख करोड़ रुपये का बेजा फायदा हुआ है।
आईएमजी में विभिन्न मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल है। समूह उन खदानों का आवंटन रद्द होने की सिफारिश कर सकता है जिन्होंने विकास नियमों का पालन नहीं किया है। सरकार ने अप्रैल में उन कंपनियों को नोटिस देना शुरू किया था जो निर्धारित समय में 58 कोयला खदानों को विकसित नहीं कर पायी हैं। इन कंपनियों में रिलायंस पावर की सासन, टाटा पावर, हिंडाल्को तथा ग्रासीम इंडस्ट्रीज, आर्सेलर मित्तल, जीवीके पावर, एमएमटीसी शामिल हैं।
उधर, केंद्रीय सतर्कता आयोग 2006 से 2009 के बीच निजी कंपनियों को कोयला खदानों के आवंटन में कथित गड़बड़ी को लेकर की जा रही सीबीआई जांच की समीक्षा करेगा। सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह की केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रदीप कुमार के साथ जल्दी ही बैठक हो सकती है, जिसमें सिंह एजेंसी की अब तक हुई जांच के बारे में विस्तृत जानकारी देंगे। एक सूत्र ने बताया कि सीबीआई तथा सीवीसी के शीर्ष अधिकारियों के बीच बैठक जल्दी ही होगी। बैठक में जांच एजेंसी जांच तथा भविष्य की कार्रवाई के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
बहरहाल, बैठक की तिथि अबतक तय नहीं हुई है। सीबीआई ने मामले में दो शुरुआती जांच दर्ज की है। भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर तथा हंसराज अहीर की शिकायत पर सीवीसी ने मामला जांच एजेंसी के पास भेजा है। दोनों भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार ने कुछ कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीलामी के जरिए आवंटन करने की बजाय पहले-आओ-पहले-पाओ की नीति अपनाई। (एजेंसी)
First Published: Monday, September 3, 2012, 09:40