Last Updated: Sunday, March 4, 2012, 16:01
नई दिल्ली : सरकार की निगरानी सूची के दायरे में 77 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को रखा गया है और विदेश स्थित भारतीय दूतावासों को इन एनजीओ के नाम मुहैया कराये गए हैं। विदेश स्थित भारतीय दूतावासों से कहा गया है कि इन गैर सरकारी संगठनों के सदस्यों को वीजा जारी करने से पहले अच्छी तरह से छानबीन की जाए।
तमिलनाडु में कुडनकुलम परमाणु परियोजना के खिलाफ कथित तौर पर आंदोलन भड़काने को लेकर चार एनजीओ की जांच के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आर्थिक अपराधों पर नजर रखने वाली खुफिया विभाग की शाखा की हाल की एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान यह सूचना दी गई कि गृहमंत्रालय द्वारा तैयार की गई 77 ‘संदिग्ध’ एनजीओ की सूची विदेश मंत्रालय को सौंपी गई है।
सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों की जांच के बाद गृहमंत्रालय ने यह सूची तैयार की है। राजस्व खुफिया निदेशक एवं केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो ने इस कार्य में मदद की है। इसके तहत अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों में मौजूद कुछ एनजीओ की भूमिका की जांच की गई।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि खुफिया ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी वाली बैठक के विवरण से जाहिर होता है कि यह मुद्दा उठा था। हालांकि, केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह ने इनकार किया है कि 77 एनजीओ की जांच की जा रही है।
सिंह ने कहा था, यह कहना गलत है कि 77 एनजीओ की जांच की जा रही है। कोष को अन्य मद में खर्च करने के आरोपों को लेकर हम 12-13 भारतीय एनजीओ के खातों की जांच कर रहे हैं। बैठक के विवरण के अनुसार बैठक में विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने सूचित किया कि गृह मंत्रालय द्वारा तैयार की गई एनजीओ की सूची भारतीय दूतावासों को भेज दी गई है। साथ में, यह परामर्श दिया गया है कि इन एनजीओ के सदस्यों के वीजा आवेदन की अच्छी तरह से जांच पड़ताल करने की जरूरत है। यह कहा गया है, कोष देने वालों का एक बड़ा हिस्सा अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों से है और कुछ खास अतिरिक्त ब्यौरे को गृहमंत्रालय से अभी विदेश मंत्रालय को प्राप्त करना है।
परमाणु उर्जा परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन भड़काने में एनजीओ की भूमिका होने की बात उस वक्त उजागर हुई थी, जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक विज्ञान पत्रिका के साथ साक्षात्कार में कुडनकुलम परियोजना के खिलाफ प्रदर्शन को समर्थन देने के सिलसिले में खासतौर पर अमेरिका आधारित कुछ एनजीओ के बारे में कहा था।
प्रधानमंत्री ने ‘साइंस’ पत्रिका से कुडनकुलम का जिक्र करते हुए कहा था कि परमाणु उर्जा कार्यक्रम मुश्किल में पड़ गया है क्योंकि ये एनजीओ, जिनके बारे में मैं समझता हूं कि वे अमेरिका आधारित हैं, उर्जा आपूर्ति को बढ़ाने की हमारे देश की जरूरत का समर्थन नहीं कर रहे हैं। सिंह ने जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन में इन एनजीओ की भूमिका पर भी सवाल उठाया था। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 4, 2012, 21:31