AI के 10 पायलट बर्खास्त, गिल्ड की मान्यता रद्द - Zee News हिंदी

AI के 10 पायलट बर्खास्त, गिल्ड की मान्यता रद्द

नई दिल्ली/मुम्बई : सार्वजनिक क्षेत्र की उड्डयन कंपनी एयर इंडिया ने सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर गए इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 पायलटों को मंगलवार को बर्खास्त करते हुए गिल्ड की मान्यता रद्द कर दी। पायलट इंडियन एयरलाइंस के पूर्व पायलटों को बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान उड़ाने का प्रशिक्षण देने की योजना का विरोध कर रहे हैं। इंडियन एयरलाइंस का एयर इंडिया में विलय कर दिया गया था।

 

एयर इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने 10 पायलटों को बर्खास्त कर दिया है। आईजीपी की मान्यता रद्द कर दी गई है और इसके मुम्बई कार्यालय को जब्त कर लिया जाएगा। बीमार पायलटों के घर चिकित्सकों को भेजा गया है और स्थिति की करीब से निगरानी की जा रही है। चिकित्सक हमें पायलटों के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जानकारी देंगे। बर्खास्त पायलट मुम्बई एवं दिल्ली के हैं।

 

इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को बोइंग-787 विमान को उड़ाने की योजना के विरोध में पायलट सोमवार मध्य रात्रि से सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर चले गए। एयर इंडिया प्रबंधन के सूत्रों के अनुसार यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब एयर लाइन पहले से ही वित्तीय संकट से जूझ रही है। सूत्रों ने बताया कि पायलटों के सामने काम पर वापस आने के लिए शाम 6.00 बजे की समय सीमा निर्धारित की गई है और इसका पालन न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारी ने बताया कि हम वर्तमान वित्तीय संकट से निपटने के लिए कड़ी कोशिश कर रहे हैं। हम बार-बार कह रहे हैं कि हम सभी मुद्दों पर वार्ता एवं चर्चा करने के लिए तैयार हैं। लेकिन अपने लाभ के लिए सामूहिक रूप से चिकित्सा अवकाश पर जाने से कम्पनी पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पायलटों को काम पर वापस आने के लिए कोई समयसीमा का निर्धारण नहीं किया गया है लेकिन एयरलाइन की छवि को स्थाई रूप से प्रभावित करने वाले इस कदम के लिए इंतजार भी नहीं कर सकते। एयर इंडिया के लगभग 100 पायलटों के मंगलवार को अचानक 'चिकित्सा अवकास' पर चले जाने के कारण चार अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को रद्द करना पड़ा। नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने हालांकि पायलटों के विरोध को 'अवैध' करार दिया है।

 

एक अधिकारी ने बताया कि एयर इंडिया को सुबह से मुम्बई एवं दिल्ली से दो-दो उड़ानों को रद्द करना पड़ा और सोमवार मध्य रात्रि से अन्य मार्गो पर संचालन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सिंह ने कहा कि यह हड़ताल अवैध है। हड़ताल पर जाने के अलावा भी कई रास्ते हैं। पायलटों को कुछ शिकायतें हो सकती हैं लेकिन उन्हें प्रबंधन, मुझसे और अन्य शुभचिंतकों से बात करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पायलट हड़ताल पर कैसे जा सकते हैं वह भी तब जब एयर इंडिया मुसीबत में है और उबरने के पथ पर चल रही है। पायलटों ने यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब एयरलाइन ने 42000 करोड़ रुपये की सहायता पैकेज हासिल करने के साथ छुट्टियों के समय में घाटे में कमी लाने की आशा कर रही है।

पायलट वेतन एवं ग्रेड में समानता लाने की भी मांग कर रहे हैं। इससे पहले आईपीजी ने इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को ड्रीमलाइनर का प्रशिक्षण देने की योजना का विरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने आईपीजी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को ड्रीमलाइनर का प्रशिक्षण न दिया जाए। लेकिन सरकार की अपील पर सर्वोच्च न्यायालय ने इस फैसले को पलट दिया था।

 

नागर विमानन मंत्री ने कहा कि पायलटों की प्रबंधन के साथ बातचीत चल रही थी। बातचीत के बीच में ही वे चिकित्सा अवकाश पर चले गये जिसके कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया अभी खराब दौर से गुजर रही है और इसे चलाने के लिये जनता के करोड़ों रुपये इसमें लगाये गये हैं। उन्होंने कहा कि हर वर्ग की कुछ मांग है और मामले का हल निकालने के लिये रास्ते हैं। मंत्री ने कहा, ‘हड़ताल अवैध है। हड़ताल शुरू करने का तरीका है। हर वर्ग की अपनी मांग और समस्याएं हैं लेकिन उसके रास्ते भी हैं।’  (एजेंसी)

First Published: Wednesday, May 9, 2012, 08:56

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