Last Updated: Wednesday, November 7, 2012, 21:11

गुड़गांव : नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) विनोद राय ने आज कहा कि भ्रष्टाचार से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सरकार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और केन्द्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को संवैधानिक दर्जा देना चाहिए।
राय ने यहां विश्व व्यापार मंच (डब्ल्यूईएफ) के एक सत्र में कहा ‘.. यदि आप वास्तव में यह चाहते हैं कि इनमें से कुछ संस्थान (जैसे सीबीआई और सीवीसी) कुछ करके दिखाए, आपको जोखिम उठाना होगा और साहस दिखाते हुए इन्हें संवैधानिक दर्जा देना पड़ेगा।’ उन्होंने कहा कि सीबीआई और सीवीसी स्वतंत्र निकाय नहीं है और इसीलिए समय-समय पर लोग इन्हें सरकार के हाथ की कठपुतली बनाते रहते हैं।
उन्होंने यह भी कहा, ‘यदि आप चाहते हैं कि लोकपाल पूरी स्वायत्ता और स्वतंत्रता के साथ काम करे तो आपको उसे संवैधानिक दर्जा देना होगा।’ राय ने कहा कि जहां तक सीबीआई की बात है ‘यह काम के लिए पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है और यही वजह है कि समय-समय पर यह लिखा जाता है कि सीबीआई सरकार की कठपुतली बन गई है।
सीवीसी को देखिये, इस संस्था का खौफ है पर यह बदनाम भी है। यह एक सांविधिक निकाय तो है, लेकिन इसे संवैधानिक दर्जा नहीं मिला है।’ उल्लेखनीय कैग स्वयं में एक संवैधानिक संस्था है और हाल में इसने 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन, कोल ब्लॉक आवंटन, राष्ट्रमंडल खेल आयोजन में भ्रष्टाचार से जुड़े कई मामलों को उजागर किया है। कैग की इन रिपोर्टों पर सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया हुई है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, November 7, 2012, 21:11