CBI के औपचारिक अनुरोध पर उपलब्ध हो सकते हैं पीएम : कमलनाथ

CBI के औपचारिक अनुरोध पर उपलब्ध हो सकते हैं पीएम : कमलनाथ

CBI के औपचारिक अनुरोध पर उपलब्ध हो सकते हैं पीएम : कमलनाथनई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने आज कहा कि कोयला घोटाले की जांच कर रही सीबीआई अगर औपचारिक तौर पर अनुरोध करेगी तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सीबीआई के समक्ष खुद को उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोलगेट पीएम के लिए कोई वाटरगेट साबित नहीं होने जा रहा है।

कमलनाथ ने एक टीवी शो में कहा, ‘क्यों नहीं। सीबीआई कानून के तहत किसी से भी सवाल पूछ सकती है और प्रधानमंत्री कानून के भीतर हैं। इसलिए अगर सीबीआई उनसे पूछताछ करना चाहती है तो प्रधानमंत्री कानून का हिस्सा हैं।’ कमलनाथ से पूछा गया था कि अगर औपचारिक अनुरोध किया जाता है तो क्या प्रधानमंत्री सीबीआई के समक्ष खुद को उपलब्ध कराएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर कुछ भी नहीं छिपाना है। हालांकि, कोयला मंत्रालय उनके पास बेहद थोड़ी अवधि के लिए था।

उन्होंने कहा, ‘अगर उनसे कुछ पूछा जाना है तो उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है।’ कमलनाथ ने कहा, ‘उनकी (प्रधानमंत्री की) विश्वसनीयता अनछुई रहेगी।’ उन्होंने इन बातों को भी खारिज कर दिया कि कोलगेट मामला प्रधानमंत्री के लिए ‘वाटरगेट’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह मामला दरअसल विपक्ष के लिए वाटरगेट साबित होगा जिसने उनके खिलाफ अनेक आरोप लगाए हैं।

गुम कोयला फाइलों पर प्रधानमंत्री का बचाव करते हुए कमलनाथ ने कहा कि फाइलों के गुम हो जाने में उनकी कोई ‘दुर्भावना’ नहीं है। सरकार के जांच में बाधा डालने की धारणा पैदा करने के लिए प्रेस पर ठीकरा फोड़ते हुए उन्होंने कहा कि जब इस बात की पुष्टि हो जाएगी कि फाइलें नहीं ढूंढ़ी जा सकती हैं तब यह कहा जा सकता है कि वो गुम हैं।

उन्होंने कहा, ‘15 दिन पहले कुछ मिलीं। बाद में कुछ और मिलीं। और फाइलें भी मिल जाएंगी। फाइलों के गुम होने में कोई दुर्भावना नहीं है। अगर दुर्भावना होगी तो प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।’ कमलनाथ ने प्रधानमंत्री के हालिया बयान को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर फाइलें नहीं मिलीं तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों को आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर रखने के लिए सरकार कानून में संशोधन करेगी और इस संबंध में विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार विधेयक के प्रति वचनबद्ध है तो उन्होंने कहा, ‘हमने इस विधेयक को पेश किया। हम इसे स्थायी समिति में ले गए हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस मुद्दे पर दोबारा विचार किया जा रहा है तो उन्होंने कहा, ‘फिलहाल नहीं।’

कमलनाथ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि सरकार पार्टियों के वित्तीय ब्योरे का खुलासा करने के खिलाफ नहीं है लेकिन वह उसके कामकाज के बारे में सूचना का खुलासा करने के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह ‘बिल्कुल गलत और झूठी’ धारणा है कि नेताओं, सांसदों या विधायकों को कुछ छिपाना है।

मंत्री ने कहा कि आरटीआई के तहत व्यक्ति चुनाव आयोग से कोई भी सूचना हासिल कर सकता है। उन्होंने इस धारणा को पैदा करने के लिए मीडिया की आलोचना की कि प्रधानमंत्री में नेतृत्व के गुण का अभाव है। कमलनाथ ने इन बातों को भी खारिज कर दिया कि प्रधानमंत्री अनिच्छुक थे और उन्हें अर्थव्यवस्था की स्थिति और गुम फाइलों के संबंध में विपक्ष के दबाव में बयान देने के लिए मजबूर किया गया। (एजेंसी)

First Published: Sunday, September 8, 2013, 19:04

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