Last Updated: Friday, November 23, 2012, 19:17
नई दिल्ली : सीबीआई के नए निदेशक के पद पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के फैसले को रद्द करने की भाजपा की मांग पर कार्मिक मामलों के राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने आज कहा कि उनका (सिन्हा) चयन उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए निष्पक्ष तरीके किया गया है।
यहां सीबीआई के कार्यक्रम से इतर नारायणसामी ने कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) ने जो तीन नाम सुझाए थे उनमें सिन्हा सबसे वरिष्ठ थे और इसलिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनके नाम पर मुहर लगाई। उन्होंने पूछा, ‘प्रधानमंत्री ने रंजीत सिन्हा को अपने विवेक से 1974 बैच का सर्वाधिक वरिष्ठ अधिकारी पाया.. प्रधानमंत्री ने सीवीसी के सुझाए तीन नामों पर उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए निष्पक्ष तरीके से रंजीत सिन्हा के नाम पर फैसला किया। अब इसमें पक्षपात कहां से है।’
नारायणसामी ने कहा कि सीवीसी ने नामों को अंतिम रूप दिया था और रंजीत सिन्हा, शरद सिन्हा तथा अतुल के नामों की सिफारिश की थी। उन्होंने कहा, ‘तीन नामों को अंतिम रूप दिया गया था, प्रधानमंत्री के पास फैसला लेने की शक्ति है..जहां तक भाजपा की बात है, वह जिम्मेदार विपक्ष जैसा बर्ताव नहीं कर रही है और सदन के काम काज को नहीं चलने दे रही है। वह चाहती कि सब कुछ उसी के मुताबिक हो, नहीं तो ना हो। लोकतंत्र में यह संभव नहीं है।`
सदन के काम काज में बाधा पहुंचाने को लेकर भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देश की जनता ने सरकार को देश में शासन करने और फैसले लेने के लिए जनादेश दिया है लेकिन भाजपा विपक्षी पार्टी की अपनी भूमिका नहीं निभा रही है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 23, 2012, 19:17