Last Updated: Friday, November 16, 2012, 22:30
नई दिल्ली : केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूल की एक और पाठ्यपुस्तक ने विवाद पैदा कर दिया है, जिसमें कथित रूप से लिखा गया है कि मांसाहारी लोग झूठ बोलते हैं, धोखा देते हैं और अपराध करते हैं। सरकार ने इसे ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताते हुए प्रशासनिक निकायों से इस तरह की सामग्री के प्रति सतर्क रहने और इनकी निगरानी करने को कहा है।
मानव संसाधन विकास मंत्री एम एम पल्लम राजू ने कक्षा छह की इस पाठ्य पुस्तक के बारे में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘समुदायों की संवेदनशीलता को जेहन में रखना होगा। मुझे लगता है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कभी कभार ऐसा होता है, लेकिन मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि प्रशासनिक निकाय को सदा चौकस रहना चाहिए जैसे एनसीईआरटी चौकस रहती है। सामग्री पर नजर रखें। इस मंत्रालय से हम यही सलाह दे सकते हैं।
दूसरी ओर सीबीएसई ने कहा कि वह नौवीं कक्षा और उससे आगे की कक्षाओं के लिए पुस्तकों का निर्धारण करते हैं और अन्य कक्षाओं में कौन सी पाठ्यपुस्तकें पढ़ाई जाएंगी इसका फैसला संबद्ध स्कूलों को करना होता है। मंत्री की यह प्रतिक्रिया मीडिया में सीबीएसई के एक स्कूल की पाठ्यपुस्तिका में छपी सामग्री के बाद आई है। इस किताब में जिसका शीषर्क ‘न्यू हैल्थ-वे : हैल्थ, हाईजीन, फिजियोलॉजी, सेफ्टी, सेक्स एजुकेशन, गेम्स और एक्सरसाइज है’ में कथित रूप से लिखा गया है कि मांसाहारी लोग आसानी से धोखा देते हैं, झूठ बोलते हैं, वादे भूल जाते हैं, वह बेइमान होते हैं और बुरी बात बोलते हैं, चोरी करते हैं, झगड़ते हैं, हिंसक हो जाते हैं और यौन अपराध करते हैं।’
यह घटना इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि तमिलनाडु में नाडर समुदाय के बारे में सीबीएसई की पाठ्यपुस्तक में ‘आपत्तिजनक’ संदर्भ को लेकर एनसीईआरटी से मंत्रालय ने एक रिपोर्ट देने को कहा है। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 16, 2012, 22:30