Last Updated: Sunday, March 3, 2013, 19:48

नई दिल्ली : भारतीय वायुसेना और रक्षा लेखा विभाग के अधिकारी 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वत के आरोपों की जांच के लिये गठित विशेष सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) दल का सहयोग करेंगे।
सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के एक अधिकारी रक्षा लेखा महानियंत्रक के कुछ अधिकारियों के साथ सीबीआई दल में शामिल होंगे। यह दल मिलान से लाये गये दस्तावेजों के साथ ही अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर की मूल इतालवी कंपनी फिनमेकैनिका के दस्तावेजों की भी जांच करेगी।
सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग के अधिकारी भी इस दल का सहयोग करेंगे और ये लोग रिश्वत के आरोपों के साथ ही हेलिकॉप्टर के ब्यौरे में बदलाव की जरूरत की भी जांच करेंगे।
इस मामले में एजेंसी की ओर से 24 फरवरी को दर्ज प्रारंभिक जांच में जिन 11 लोगों के नाम हैं, उनमें पूर्व वायुसेना प्रमुख एस पी त्यागी और उनके तीन रिश्तेदार शामिल हैं। इसमें चार कंपनियों के नाम भी शामिल किये गये हैं।
इनके अलावा जांच में संदिग्ध यूरोपीय बिचौलिये कालरे गारोसा, क्रिस्टियन मिशेल एवं गीडो हास्खे, एयरोमैट्रिक्स से पूर्व में जुड़े वकील गौतम खेतान एवं एयरोमैट्रिक्स के सीईओ प्रवीण बक्शी, फिनमेकैनिका के पूर्व अध्यक्ष ग्यूसेप ओर्सी और अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पागनोलिनी का भी नाम लिया गया है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई एयरोमैट्रिक्स एवं आईडीएस इन्फोटेक के कुछ अधिकारियों से पूछताछ करेगी और बाद के चरण में पूर्व वायुसेना प्रमुख के रिश्तेदारों जूली, डोस्का और संजीव त्यागी से भी पूछताछ होगी। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले के कागजात सीबीआई को सौंपे हैं जिनमें उसके कारण बताओ नोटिस पर अगस्ता वेस्टलैंड से मिला जवाब और इस सौदे पर मंत्रालय के भीतरी संचार के कागजात शामिल हैं।
एजेंसी ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी, उनके तीन भतीजों, यूरोपीय बिचौलियों और चार कंपनियों समेत 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिक जांच दर्ज की थी। इन चार कंपनियों में दो भारतीय फर्मों का इस्तेमाल कथित तौर पर रिश्वत की रकम को भेजने के लिए किया गया था।
प्राथमिक जांच में सीबीआई ने उन आरोपों का उल्लेख किया कि हेलिकॉप्टरों की खरीद प्रक्रिया में कुछ बिचौलियों ने ब्रिटेन आधारित कंपनी के पक्ष में सौदे को प्रभावित किया।
उसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि इटली आधारित कंपनी ने बिचौलियों को कमीशन के रूप में कई लाख यूरो (लगभग 50 करोड़ रुपये) दिए और दो बिचौलियों ने अनुबंध हासिल करने के लिए अपने हिस्से से कथित तौर पर कई भारतीय नागरिकों को ट्यूनीशिया और मॉरिशस के रास्ते कथित तौर पर भारी रकम का भुगतान किया। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 3, 2013, 18:58