Last Updated: Saturday, March 16, 2013, 13:04

श्रीनगर : सीआरपीएफ कैंप पर आत्मघाती हमला कर पांच जवानों को शहीद करने के मामले में गिरफ्तार पाकिस्तानी आतंकवादी को लश्कर-ए-तैयबा ने प्रशिक्षण दिया था। हमले के दिन दो आत्मघाती हमलावर शहर के बाहरी इलाके में गिरफ्तार आतंकवादी से अलग हो गए थे। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हमले के एक दिन बाद जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप द्वारा चलाए गए अभियान में 22 वर्षीय जुबैर उर्फ अबू तल्लाह उर्फ रियाज को गुरुवार की देर रात शहर के बाहरी इलाके चट्टाबाल क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के समय आतंकवादी अपने आकाओं से बात कर रहा था।
सीआरपीएफ कैंप पर हमले में गिरफ्तार जुबैर पाकिस्तान के मुल्तान का निवासी है। बुधवार को बेमिना में पुलिस-पब्लिक स्कूल के समीप स्थित सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले के कुछ घंटे बाद सुरक्षा बलों ने बशीर उर्फ हारून भाई को गिरफ्तार किया।
सूत्रों ने बताया कि बशीर बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा के समीप उरी सेक्टर का रहने वाला है। इसने पुलिस को जुबैर की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी हुई।
सूत्रों के मुताबकि जुबैर ने जांच अधिकारियों को बताया कि उसने बशीर के साथ दो ‘फिदायीन’ (आत्मघाती हमलावरों) को शहर तक पहुंचाया था। उसने बताया कि आत्मघाती हमलावर पाकिस्तान के निवासी थे।
पुलिस के अनुसार जुबैर एक महीने पहले उत्तर कश्मीर में उरी सेक्टर से दाखिल हुआ था। इसके बाद दो ‘फिदायीन’ हमलावर जो पाकिस्तान स्थित सहीवाल एवं डेरा गाजी खान के निवासी हैं, घाटी में दाखिल हुए।
आतंकवादी संगठन लश्करए-ए-तैयबा पाकिस्तान में किस तरह से आतंकवादियों की भर्ती एवं उन्हें प्रशिक्षण देता है, जुबैर ने जांचकर्ताओं को बताया। (एजेंसी)
First Published: Saturday, March 16, 2013, 13:04