Last Updated: Wednesday, December 12, 2012, 14:40
नई दिल्ली : सरकार ने आज बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इक्विटियों में निवेश करने पर वह विचार नहीं कर रही है। श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री के. सुरेश ने आज राज्यसभा को बताया कि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के विपरीत ईपीएफओ इक्विटियों में निवेश करने पर विचार नहीं हो रहा है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में निधियों की 12 प्रतिशत वार्षिक आय होती है।
उन्होंने बताया कि इस साल 31 अक्तूबर तक ईपीएफओ की निधियों में से 26896.54 करोड़ रुपए निजी क्षेत्र में निवेश किया गया था। इसमें से 4.05 करोड़ रुपए प्रमुख विनिर्माण कंपनियों के निवेश किया गया था। उन्होंने संजय राउत के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी।
मंत्री ने रामचन्द्र खूंटिया के एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि ईपीएफ के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की उप समिति-पेंशन कार्यान्वयन समिति (पीआईसी) ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के अंतर्गत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर एक हजार रूपये कर दिये जाने का एक प्रस्ताव किया था। यह प्रस्ताव सरकार के समक्ष विचाराधीन है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1952 के अंतर्गत कवरेज के लिए मजदूरी की अधिकतम सीमा को बढ़ाने के मुद्दे पर ईपीएफ के केन्द्रीय न्यासी बोर्ड की बैठकों में बातचीत हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक इस मामले में अंतिम फैसला नहीं किया है। (एजेंसी)
First Published: Wednesday, December 12, 2012, 14:40