Last Updated: Saturday, September 15, 2012, 21:39
नई दिल्ली : डीजल कीमतों में बढ़ोतरी, खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति और सब्सिडीयुक्त घरेलू एलपीजी की संख्या सीमित करने के फैसलों के विरोध में भाजपा और गैर भाजपा विपक्षी दलों सहित सरकार को समर्थन दे रही सपा और जद-एस ने भी 20 सितंबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया।
राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि सरकार की नीतियों के खिलाफ 20 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा। कांग्रेस ने जनता का ध्यान भ्रष्टाचार से हटाने के लिए इस तरह के फैसले किए हैं। हम प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्होंने कहा, लगता है कि यह सरकार आत्महत्या करना चाहती है। हमने अन्य राजनीतिक दलों से भी बात की है। सरकार के लिए अच्छा होगा कि वह चुनावों के लिए 2014 तक इंतजार नहीं करे।
उधर, संप्रग सरकार पर दबाव बढ़ाने के प्रयास के तहत सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी और जद (एस) वाम दलों, बीजद और तेदेपा के साथ मिलकर खुदरा क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति देने और डीजल की कीमतों में वृद्धि के सरकार के फैसले के खिलाफ आगामी गुरुवार को राष्ट्रव्यापी शक्तिशाली प्रदर्शन में शामिल होंगे। संयुक्त वक्तव्य में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और अन्य ने आरोप लगाया कि संप्रग सरकार ने डीजल की कीमतों में वृद्धि, किफायती रसोई गैस की संख्या को सीमित करके, मल्टी ब्रांड खुदरा कारोबार का रास्ता साफ करके और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश की अनुमति देकर लोगों पर एक के बाद एक क्रूर हमला किया है।
संयुक्त वक्तव्य में सरकार के उस फैसले का उल्लेख नहीं किया गया है जिसके तहत उड्डयन और प्रसारण क्षेत्र में एफडीआई की अनुमति दी गई थी। वक्तव्य में कहा गया है, ‘इन कदमों को रोकने के लिए हम सब एकजुट हों। हड़ताल, धरना, प्रदर्शन और गिरफ्तारी देने के कार्यक्रम के जरिए 20 सितंबर को शक्तिशाली प्रदर्शन किया जाए।’ यादव के अतिरिक्त वक्तव्य पर एचडी देवगौड़ा (जद-एस), प्रकाश करात (माकपा), एस. सुधाकर रेड्डी (भाकपा), नवीन पटनायक (बीजद), चंद्रबाबू नायडू (तेदेपा), देवव्रत विश्वास (फॉरवर्ड ब्लॉक) और टीजे चंद्रचूड़न (आरएसपी) का हस्ताक्षर था।
सपा और जद (एस) संप्रग सरकार को बाहर से समर्थन दे रही है। वे सरकार के इस फैसले के खिलाफ हैं। उन्होंने इससे पहले मूल्य वृद्धि के मुद्दे पर वाम दलों के साथ मिलकर प्रधानमंत्री को संयुक्त पत्र लिखा था।
जनता से इन जनविरोधी कदमों का विरोध करने का आह्वान करते हुए नेताओं ने किसानों, श्रमिकों, महिलाओं, युवकों, ट्रांसपोर्टरों, दुकानदारों, व्यापारियों के संगठनों और सभी देशभक्त नागरिकों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील की। इससे पहले राजग और वाम दलों ने 31 मई को पेट्रोल कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी। हालांकि दोनों ही दलों ने एक ही दिन हड़ताल करने के बारे में परस्पर किसी तरह का समन्वय होने की बात से साफ इंकार किया था। (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 15, 2012, 21:38