FDI पर कोई समझौता नहीं, सरकार इसे वापस ले : भाजपा

FDI पर कोई समझौता नहीं, सरकार इसे वापस ले : भाजपा

FDI पर कोई समझौता नहीं, सरकार इसे वापस ले : भाजपासूरजकुंड (हरियाणा) : मल्टी ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने में जुटी भाजपा ने साफ कहा है कि इस मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा और सरकार को इस निर्णय को वापस लेना होगा। भाजपा इस निर्णय को पूरी तरह से वापस लिए जाने की पक्षधर है। उन्होंने यह भी कहा कि राजग शासित राज्यों में इस फैसले को लागू नहीं किया जाएगा। भाजपा के रूख से साफ लग रहा है कि यदि वह सत्ता में आती है तो एफडीआई पर यूपीएम के फैसले को पलट सकती है।

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जावेडकर ने गुरूवार को होने वाली राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पेश किए जाने वाले आर्थिक प्रस्ताव के प्रारूप पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बुधवार को हुई चर्चा की जानकारी देते हुए एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से यह बात कही। यह प्रस्ताव राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली पेश करेंगे और वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू इसका अनुमोदन करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा एफडीआई के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं करेगी और सरकार को इसे हर हालत में वापस लेना होगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि एफडीआई की प्रतिशत कम ज्यादा करने पर कोई बातचीत नहीं होगी क्योंकि यह कोई सौदेबाजी का मामला नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे पूरी तरह वापस लेना होगा।

इससे पहले भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं से एकजुट होने और मध्यावधि चुनाव के लिए तैयार रहने को कहा है। गडकरी ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिवेशन के उद्घाटन समारोह में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान करते हुए कहा कि कांग्रेस नीत संप्रग एक ‘डूबता जहाज’ है और लोगों का भरोसा इस पर से उठ गया है। भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘राष्ट्रीय अध्यक्ष (गडकरी) ने अपने उद्बोधन में मौजूदा अस्थिर राजनीतिक परिदृश्य का उल्लेख किया है। उन्होंने कहा है कि देश बदलाव के कगार पर है। किसी भी वक्त चुनाव हो सकते हैं।’ गडकरी ने पार्टी नेताओं से खुला दिल रखने, एकजुट होने और लक्ष्य हासिल करने (सत्ता में आने का लक्ष्य) के लिए प्रयास करने का भी आह्वान किया।

प्रसाद ने गडकरी के हवाले से कहा, ‘गडकरी ने मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य पर बात रखी। यह सरकार अस्थिरता की हालत में है। अगर सरकार खुद गिरती है तो भाजपा उसे बचाने नहीं आएगी।’ गौरतलब है कि इससे पहले तक गडकरी संप्रग सरकार पर संकट को लेकर केवल यही कह रहे थे कि सरकार अपने किये के कारण गिरेगी और इसमें हमारी कोई भूमिका नहीं होगी। उन्होंने पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात को भी खारिज कर दिया था।

प्रसाद से जब पूछा गया कि क्या भाजपा चुनावों के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा, ‘भाजपा चुनावों के लिए तैयार है। अगर महीने भर में भी चुनाव होते हैं तो हम तैयार हैं।’ गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का भाजपा को मजबूत करने और सत्ता में काबिज होने के बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। प्रसाद ने महाराष्ट्र में अजीत पवार और राकांपा के मंत्रियों के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के नेतत्व में संप्रग सरकार एक डूबता जहाज है। उसके अधिकतर सहयोगी दल सरकार से किनारा करने का प्रयास कर रहे हैं और इसलिए हमें बार बार अस्थिरता नजर आती है।’

संप्रग सरकार पर ‘गठबंधन राजनीति का बाजारीकरण’ करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘भाजपा का काम कांग्रेस सरकार को बचाने का नहीं है जो अपने किये के कारण गिरेगी।’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 1991 के आर्थिक संकट की याद दिलाए जाने का जिक्र करते हुए प्रसाद ने कहा कि भाजपा की सरकारें इस तरह के नकारात्मक माहौल में भी उच्च विकास के साथ काम कर रहीं हैं। प्रसाद के मुताबिक गडकरी ने कार्यकर्ताओं को अटल बिहारी वाजपेयी नीत राजग सरकार के ‘सुशासन’ की भी याद दिलाई। उन्होंने कहा, ‘भाजपा ने शासन, सुधार, जन समर्थक नीतियों और पक्षपातरहित विकास के रिकार्ड को साबित किया है।

प्रसाद ने कहा कि यशवंत सिन्हा की अध्यक्षता वाली वित्त पर संसद की स्थाई समिति ने 11 वित्त विधेयकों की सिफारिश की लेकिन कांग्रेस उन्हें पारित करने के लिए संसद में नहीं ला रही है। उन्होंने कांग्रेस पर सीबीआई के दुरुपयोग का अपना आरोप भी दोहराया। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, September 26, 2012, 18:03

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