FDI वो‍टिंग मसला: यूपीए सरकार का नंबर पूरे होने का दावा

FDI वो‍टिंग मसला: यूपीए सरकार का नंबर पूरे होने का दावा

FDI वो‍टिंग मसला: यूपीए सरकार का नंबर पूरे होने का दावाज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो

नई दिल्‍ली : रिटेल सेक्‍टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के फैसले के खिलाफ मचे सियासी घमासान के बीच लोकसभा में मंगलवार को दोपहर दो बजे से बहस की शुरुआत होगी। एक रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के नौ सांसद आज संसदीय कार्यवाही का बहिष्‍कार करेंगे।

इस बीच, यूपीए सरकार ने नंबर पूरे होने का दावा किया है। संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार को बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के खिलाफ भाजपा का प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में नामंजूर होने का भरोसा है। वहीं, समाजवादी पार्टी ने कहा है कि एफडीआई का समर्थन नहीं करेंगे। मायावती का कहना है कि इस मसले पर वोटिंग का फैसला सदन में ही स्थिति को देखकर करेंगे।

लोकसभा में इस मुद्दे पर आज से चर्चा शुरू होगी। चर्चा का समापन होने के बाद एफडीआई मुद्दे पर मत विभाजन (वोटिंग) बुधवार को होगा। वहीं, आतंकवाद के आरोपों में बेकसूर मुस्लिम युवाओं की गिरफ्तारी को लेकर समाजवादी पार्टी के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक आज शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

गौर हो कि यूपीए सरकार ने बीते दिनों एफडीआई मसले पर लोकसभा में नियम 184 के तहत और राज्‍यसभा में नियम 168 के तहत बहस को लेकर सहमति जताई थी। इन दोनों नियमों के तहत बहस के बाद वोटिंग का प्रावधान है। हालांकि, यूपीए सरकार लोकसभा में बहस और वोटिंग को लेकर पूरी तरह आश्‍वस्‍त है, लेकिन राज्‍यसभा में सरकार के पास पर्याप्‍त संख्‍याबल नहीं है।

बता दें कि भाजपा नीत राजग एफडीआई के विरोध में पूरी तरह एकजुट है। वहीं वामदल, एआईएडीएमके, बीजू जनता दल, असम गण परिषद और कुछ अन्‍य पार्टियां भी एफडीआई के फैसले के खिलाफ हैं। इस बीच, प्रधानमंत्री ने एआईएडीएमके से देश हित में इस मसले पर अपने विरोध के फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।

हीं, संसद में एफडीआई पर मत विभाजन को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने सांसदों को व्हिप जारी किए हैं।

संसद में चर्चा और मत विभाजन से पहले संप्रग को बाहर से समर्थन दे रहे बसपा और सपा ने रिटेल में एफडीआई मुद्दे पर समर्थन देने को लेकर सरकार को भ्रम की स्थिति में रखा है। बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अब तक मिले जुले संकेत दिए हैं, लेकिन सरकार को यकीन है कि उसके पास बहुमत है और वह सदन पटल पर जीतने में कामयाब होगी। मायावती ने बीते दिनों एक प्रेस कांफ्रेंस में संकेत दिया कि वह एफडीआई नीति का समर्थन कर सकती हैं क्योंकि इसमें कुछ सकारात्मक बातें भी हैं, लेकिन उन्होंने अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि मत विभाजन के मुद्दे पर बसपा का फैसला सदन पटल पर ही जानने को मिलेगा, जब इस मुद्दे पर मत विभाजन होगा। एफडीआई नीति की एक ही सकारात्मक बात है कि यदि कोई राज्य इसे लागू नहीं करना चाहता तो इसे जबरन किसी राज्य पर नहीं थोपा जाएगा।

मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी ने इस बात को गंभीरता से लिया है। हमारी पार्टी यह भी गंभीरता से विचार कर रही है कि उन दलों के साथ खडा हुआ जाए या नहीं, जो सांप्रदायिक शक्तियों को प्रोत्साहित करते हैं।

उधर, संसद में एफडीआई पर मत विभाजन को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने सांसदों को व्हिप जारी किए हैं। लोकसभा में मंगलवार को एफडीआई पर मत विभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत चर्चा होनी है। इसलिए दोनों प्रमुख दलों ने अपने सदस्यों को सदन में उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं। कांग्रेस अपने सभी सहयोगियों को साथ लाने के प्रयास कर रही है, वहीं भाजपा नेतृत्व वाले राजग गठबंधन ने इस फैसले का विरोध करने के लिये कमर कस ली है। वहीं वामपंथी दलों को भरोसा है कि उनके सभी सांसद सदन में पहुंचेंगे और एफडीआई का विरोध करेंगे। आज लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज बहस शुरु करेंगी, वहीं राज्य सभा में अरुण जेटली विपक्ष का नेतृत्व करेंगे।

First Published: Tuesday, December 4, 2012, 11:55

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