Last Updated: Sunday, May 27, 2012, 21:43
नई दिल्ली : आईआईटी प्रवेश परीक्षा के नये प्रारूप पर जारी उहापोह के बीच सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने कहा है कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाये और ग्रामीण एवं गरीब छात्रों को प्रवेश परीक्षा में दो की बजाए तीन मौके दिये जाएं।
आनंद कुमार ने इस विषय पर मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल को इस संबंध में पत्र लिखा है। कुमार ने कहा कि आईआईटी प्रवेश परीक्षा में एप्टीट्यूड टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है। अगर आईआईटी प्रवेश परीक्षा में एप्टीट्यूट टेस्ट, विषय आधारित जांच और 12वीं कक्षा में प्राप्त अंक को महत्व दिया जाता है, तो कोचिंग की व्यवस्था खत्म होने की बजाए तीन नये तरह के कोर्स की शुरूआत होगी।
उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थान एप्टीट्यूट, विषयों और 12वीं कक्षा की पढ़ायी के लिए अलग अलग कोर्स शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा, सम्पन्न घरों के बच्चे महंगे कोचिंग संस्थानों का खर्च वहन कर लेंगे लेकिन गरीब घर के बच्चे पीछे छूट जायेंगे। कुमार ने कहा कि 12वीं कक्षा के अंक को अगर आईआईटी परीक्षा में महत्व दिया जायेगा तो सबसे अधिक समस्या विभिन्न बोडरे के मापदंडों को लेकर आ सकती है। ऐसी स्थिति में प्रश्नपत्र तैयार करते समय विभिन्न राज्यों के बोर्ड, सीबीएसई, आईसीएससी एवं अन्य विशेषज्ञों की भागीदारी जरूरी होगी।
आनंद कुमार ने कहा कि अगर विषय आधारित टेस्ट लेने का निर्णय किया जाता है तब ऐसे प्रश्न पूछे जाने चाहिए जिनका मूल्यांकन कम्प्यूटर के माध्यम से किया जा सके ताकि किसी प्रकार की गड़बरी की आशंका नहीं हो। सुपर 30 के संस्थापक ने सिब्बल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस विषय पर आईआईटी परिषद की बैठक में लिये जाने वाले निर्णयों की जानकारी तत्काल छात्रों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए ताकि छात्र उस व्यवस्था के आधार पर परीक्षा की तैयारी शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आईआईटी प्रवेश के प्रश्न के स्वरूप, प्रारूप आदि के बारे में सभी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करायी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि कुमार ने इसी विषय पर 24 अप्रैल 2012 को मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल से मुलाकात की थी। आईआईटी काउंसिल की कल बैठक होने जा रही है जिसमें प्रवेश परीक्षा के स्वरूप को अंतिम रूप दिया जा सकता है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, May 27, 2012, 21:43