Last Updated: Sunday, March 11, 2012, 07:18
भोपाल : मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में होली के दिन हुई आईपीएस अधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह की नृशंस हत्या से प्रदेश की भाजपा सरकार घेरे में आ गयी है।
प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने पिछले साल हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अवैध उत्खनन का मामला जोरशोर से उठाया था और अब उसने 13 मार्च को प्रदेशव्यापी बंद की घोषणा की है। प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने कहा है कि भाजपा सरकार बार बार यह सिद्ध कर रही है कि वह अवैध उत्खनन रोकने में पूरी तरह से अक्षम है।
अजय ने कहा कि आईपीएस अधिकारी की हत्या के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर मध्यप्रदेश सरकार द्वारा जितने भी वायदे किए गए हैं, वे सब खोखले साबित हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि उस प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति क्या होगी जहां पर लोगों में इतना साहस आ जाए कि वे एक आईपीएस अधिकारी की हत्या कर जाएं। जिस दिन हत्या हुई उस दिन मध्यप्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह कहा कि इसके पीछे अवैध उत्खनन कराने वाले लोग हैं।
गुप्ता ने अगले ही दिन अपना बयान बदल दिया और कहा कि नरेन्द्र सिंह की मौत सिर्फ एक दुर्घटना है और इसके अलावा कुछ भी नहीं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी है, पर प्रदेश कांग्रेस न्यायिक जांच से संतुष्ट नहीं है और वह चाहती है कि मामले की जांच सीबीआई द्वारा कराई जाए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया ने कहा कि उनका दल सीबीआई जांच की मांग इसलिए कर रहा है क्योंकि इसी जांच एजेंसी ने आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या की गुत्थी सुलझाई थी।
न्यायिक जांच के बारे में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर भाजपा वास्तव में अवैध उत्खनन रोकने के मामले में गंभीर है तो उसे इस मामले में जो कुछ भी पिछले 18 साल में हुआ, उसकी जांच करा लेनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इन 18 साल में वे दस साल भी हैं जब वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे और उसके बाद 2003 से भाजपा शासन के आठ साल हैं। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू होने जा रहा है और उसमें इस मुद्दे को जोर शोर से उठाए जाने की संभावना है। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 11, 2012, 15:03