Last Updated: Saturday, January 19, 2013, 19:00

नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि नियंत्रण रेखा पर दो भारतीय जवानों की नृशंस हत्या के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ तनाव को कम करने में परिपक्वता दिखाई है।
उमर ने कहा, ‘जम्मू में एलओसी पर भारत के सैनिकों के साथ जो हुआ उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती।’ भारत में संयुक्त राष्ट्र सूचना केंद्र के साथ साझेदारी में आयोजित ‘यंग चेंजमेकर्स कान्क्लेव’ को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एलओसी पर कुछ तनाव है। जाहिर है कि कोई भी सिर कटाने के लिए किसी देश की सेना में शामिल नहीं होना चाहता। वे देश की रक्षा के लिए सेना में जाना चाहते हैं।
उन्होंने श्रोताओं के सवालों के जवाब में कहा कि भारत की प्रतिक्रिया परिपक्व रही है और सैन्य अभियान के दो महानिदेशकों ने बात की है। एलओसी पर तनाव कम हुआ है और यह अच्छा संकेत है। उमर ने एक युवक के सवाल के जवाब में कहा, ‘मेरा मानना है कि इस घटना को लेकर युद्ध जैसी नासमझी वाली किसी चीज के बारे में सोचने के बजाय भारत में नेतृत्व ज्यादा परिपक्व है।’
1990 में उग्रवाद के माहौल में कश्मीर घाटी छोड़ने पर मजबूर हुए कश्मीरी पंडितों के बारे में पूछे गए सवाल पर उमर ने कहा, ‘मैं आपको (कश्मीरी पंडितों को) कश्मीर वापसी के लिए बाध्य नहीं कर सकता लेकिन आपको आने के लिए प्रोत्साहित कर सकता हूं। यह आपको तय करना है कि कब लौटना है।’ उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले 10 साल में कोई कश्मीरी पंडित इस वजह से उग्रवादियों की गोलियों का शिकार नहीं हुआ क्योंकि वह कश्मीरी पंडित समुदाय से जुड़ा है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, January 19, 2013, 18:59