Last Updated: Friday, April 27, 2012, 16:28
नई दिल्ली : संप्रग सहयोगी तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सहित कई मुख्यमंत्रियों की आलोचना के बीच केंद्र ने प्रस्तावित नेशनल काउंटर टेरेरिज्म सेंटर (एनसीटीसी) पर मानक कार्य प्रक्रिया (एसओपी) का मसौदा शुक्रवार को सभी मुख्यमंत्रियों को भेज दिया। इस विवादास्पद मुद्दे पर पांच मई को बैठक होनी है जिससे पहले यह मसौदा भेजा गया।
एनसीटीसी पर सर्वसम्मति बनाने के प्रयास में गृह मंत्रालय ने एसओपी के अधिकारों और कार्यप्रणाली का मसौदा भेजा है। मसौदे में आतंकवाद रोधी इस संस्था की स्थायी परिषद के अधिकारों और कार्यो का विवरण है। इस संस्था में सभी राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
केंद्र ने एनसीटीसी के गठन, कामकाज, अधिकारों और कर्तव्यों को सूचित करते हुए जारी आधिकारिक ज्ञापन की धारा 3.1 और 3.2 के तहत अधिकारों के उपयोग के लिए भी एसओपी तैयार किया है। धारा 3.1 के अनुसार एनसीटीसी के निदेशक को अवैध गतिविधि (निरोधक) अधिनियम 1967 के तहत विशेष प्राधिकार के तौर पर निरूपित किया जाना चाहिए। धारा 3.2 में कहा गया है कि एनसीटीसी के संचालन विभाग के अधिकारियों को इसी कानून की धारा 43 (ए) के तहत गिरफ्तार करने और तलाशी लेने का अधिकार होना चाहिए।
इन दोनों धाराओं का गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने कडा विरोध किया है। उनका कहना है कि एनसीटीसी को इस तरह का अधिकार देकर केन्द्र सरकार देश के संघीय ढांचे पर प्रहार करने और राज्यों के अधिकारों को सीमित करने का प्रयास कर रही है। गृह मंत्रालय ने पांच मई को होने वाली बैठक में विचार किए जाने वाले मुद्दों संबन्धी दस्तावेज भी जारी किया है। इस बैठक में केंद्र प्रस्तावित एनसीटीसी के गठन का उदेश्य, उसके स्वरूप और अधिकारों के बारे में विस्तार से जानकारी देगा।
(एजेंसी)
First Published: Friday, April 27, 2012, 21:58