Last Updated: Sunday, March 31, 2013, 00:41

नई दिल्ली : भाजपा ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख एस.सी. सिन्हा को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) का सदस्य नियुक्त करने के सरकार के सुझाव पर इस आधार पर आपत्ति जताई है कि ‘अनुग्रहीत’ नौकरशाहों को सेवानिवृत्ति के बाद ऐसे पद नहीं दिए जाने चाहिए और उसने इस बात पर बल दिया कि हाशिए पर रहने वाले वर्गों एवं प्रबुद्ध वर्ग के लोग इसके लिए चुने जाएं।
लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाले नियुक्ति पैनल को अपना अलग-अलग विरोध नोट दिया। एनएचआरसी की नई नियुक्ति पर फैसला करने के लिए शुक्रवार को इस पैनल की बैठक हुई थी।
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने सिन्हा के नाम का प्रस्ताव रखा लेकिन उस पर सुषमा स्वराज एवं जेटली ने आपत्ति जतायी। सिन्हा इस साल 31 अक्तूबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। खबर है कि बैठक में जेटली ने कहा कि जब से संप्रग सत्ता में आया है वह सीबीआई समेत जांच एजेंसियों के प्रमुखों केा सेवानिवृति के बाद विभिन्न पदों पर नियुक्त कर रहा है।
पूर्व सीबीआई प्रमुख विजय शंकर तिवारी को न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) पुंछी आयोग की अगुवाई वाली समिति में नियुक्त किया गया था जबकि एक अन्य पूर्व सीबीआई प्रमुख अश्विनी कुमार हाल ही नगालैंड के राज्यपाल बनाए गए हैं। हाल ही में एक अन्य पूर्व सीबीआई प्रमुख एपी सिंह को संघ लोकसेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। सुषमा स्वराज और जेटली ने कहा कि अब एनआईए प्रमुख को एनएचआरसी का सदस्य नियुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसी परंपरा से जांच एजेंसियों के प्रमुखों के कामकाज में खलल पड़ता है जबकि उन्हें बिना भय या पक्षपात के काम करना चाहिए। वे सेवानिवृत्ति के बाद के पद की लालच में अनुग्रहीत हो जाते हैं।
सुषमा स्वररज ने अपने विरोध नोट में सुझाव दिया कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी ऐसे लोग हैं जिनपर ज्यादातर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप होते हैं, ऐसे में प्रबुद्ध वर्ग, हाशिये पर रहने वाले तथा कमजोर तबकों के लोगों को ऐसे पदों के लिए चुना जाए। एनएचआरसी चयन पैनल के अन्य सदस्य-गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार, राज्यसभा के उपसभापति पी जे कुरियन भी कल शाम बैठक में मौजूद थे।
सूत्रों ने कहा कि विपक्ष की आपत्ति के बाद भी सरकार सिन्हा की नियुक्ति की दिशा में आगे बढ़ने को इच्छुक है। दोनों भाजपा नेताओं ने सुझाव दिया कि मीडिया, दलित, आदिवासी तथा प्रबुद्ध वर्ग के लोग एनएचआरसी में नियुक्त किए जाएं। भाजपा सेवानिवृत्त नौकरशाहों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को ऐसे निकायों में नियुक्ति का विरोध करती रही है।
पार्टी का मानना है कि सरकार इन अहम पदों पर उन नौकरशाहों एव वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करना चाहती है जो प्रशासन के करीबी हैं। सूत्रों का कहना है कि सिन्हा को लेकर मुख्य विपक्षी दल की आपत्ति की वजह यह है कि उन्होंने ही हिंदू आतंकवाद के लिए कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया था।
भाजपा ने सुषमा स्वराज और जेटली से संप्रग सरकार के मंत्रियों के अनुरोध तथा अनौपचारिक बैठकों के बावजूद सेवानिवृत्त सीबीआई प्रमुख ए पी सिंह की एनएचआरसी में नियुक्ति का विरोध किया था। सिंह को बाद में संघ लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था। पार्टी ने कथित रूप से सरकार से यह भी कहा है कि आईएएस और आईपीएस अधिकारी अक्सर मानवाधिकार उल्लंघनकर्ता होते हैं और उन्हें एनएचआरसी में सदस्य नहीं बनाया जाए। (एजेंसी)
First Published: Sunday, March 31, 2013, 00:41