Last Updated: Monday, February 18, 2013, 17:13

नई दिल्ली : महिलाओं पर यौन हिंसा के मामलों में बढोतरी को ‘शर्मनाक’ बताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को उम्मीद जतायी कि संसद इस संबंध में आपराधिक कानूनों को मजबूत करने के लिए संशोधनों को जल्द से जल्द पारित करेगी।
समाजसेवी इला भटट को इंदिरा गांधी पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के बाद सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि यह शर्म की बात है कि महिलाओं पर हिंसा और यौन अपराध की घटनाओं में बढोतरी हुई है।
उन्होंने कहा कि महिलाओं पर बढ रहे यौन अपराधों से निपटने के लिए सरकार ने विधायी, संस्थागत और नियमगत सुधार अपनाये हैं।
मनमोहन सिंह ने कहा कि न्यायमूर्ति जे एस वर्मा समिति की सिफारिशों के फलस्वरूप महिलाओं के खिलाफ होने वाले यौन अपराधों से निपटने के लिए अध्यादेश लाया गया। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि संसद इस संबंध में आवश्यक विधेयक को जल्द से जल्द पारित कर देगी ताकि इस संबंध में व्यापक कानून को लागू किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडन (रोकथाम, प्रतिबंध एवं निपटान) विधेयक 2012 को लोकसभा पारित कर चुकी है जबकि राज्यसभा को अभी इसे पारित करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बलात्कार पीडितों को वित्तीय सहायता और अन्य समर्थक सेवाओं के जरिए पूरी मजबूती से न्याय दिलाने के उद्देश्य से एक योजना, राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण मिशन के तहत 100 सरकारी अस्पतालों में ‘वन स्टाप क्राइसिस सेंटर’ बनाना और महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन कुछ अन्य उपाय हैं, जिन पर सरकार विचार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास होगा कि ऐसा सुरक्षित माहौल तैयार किया जाए, जिसमें महिलाएं अपने सपनों को साकार कर सकें। यह एक सतत प्रयास होगा। इसे सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से पूरा किया जाएगा।
सिंह ने कहा कि सरकार ने वर्तमान संस्थानों को मजबूत कर महिला सशक्तीकरण के मुद्दे का हल करने के प्रयास किये हैं। उसने महिलाओं को शिक्षा और स्वास्थ्यरक्षा को लेकर बेहतर पहुंच दी है। निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी हिस्सेदारी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने और विकास की प्रक्रिया में लैंगिक चिन्ताओं को मुख्य धारा से जोडने का प्रयास भी सरकार ने किया है। (एजेंसी)
First Published: Monday, February 18, 2013, 17:13