Last Updated: Friday, November 23, 2012, 23:46

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक रंजीत सिन्हा की नियुक्ति पर रोक लगाए जाने की भाजपा की मांग को स्वीकार करने से शुक्रवार रात इंकार कर दिया और इस आरोप को ‘अवांछित’ करार देते हुए कहा कि यह नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गई प्रक्रिया को रोकने के लिए की गई है।
भाजपा नेता अरुण जेटली को लिखे एक पत्र में प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकपाल लागू होने तक प्रमुख जांच एजेंसी को बिना प्रमुख के नहीं रखा जा सकता और ‘इसीलिए नई नियुक्ति को अधर में रखने का सवाल ही नहीं है।’जेटली तथा लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए थी क्योंकि राज्यसभा की प्रवर समिति ने सिफारिश की थी कि इस प्रकार की नियुक्तियां एक कोलेजियम के जरिए होनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कहना कि नियुक्ति प्रवर समिति द्वारा सिफारिश की गई प्रक्रिया को रोकने के लिए की गई है, पूरी तरह अवांछित है और इसमें कोई दम नहीं है।
उन्होंने कहा कि वह इस बात का भी खंडन करते हैं कि पूर्व में इस पद पर संप्रग सरकार द्वारा की गई नियुक्तियां हितों से प्रेरित थीं।
सिंह ने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक को अभी राज्यसभा में पारित किया जाना है और इसे प्रवर समिति को सौंपा गया था जिसने आज अपनी रिपोर्ट राज्यसभा में पेश की है। प्रधानमंत्री ने कहा,‘प्रवर समिति द्वारा कई बदलावों का सुझाव दिया गया है जिन पर आधारित संशोधन पेश करने के लिए सरकार को विचार विमर्श करने की जरूरत है। राज्यसभा द्वारा संशोधित विधेयक को पारित किए जाने के बाद इसे आगे विचार विमर्श के लिए लोकसभा को लौटाया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि सरकार भी नए कानून को लागू करने के लिए सभी प्रयास कर रही है लेकिन सीबीआई में शीर्ष पद को खाली नहीं रखा जा सकता।
प्रधानमंत्री ने कहा,‘ऐसी परिस्थितियों में सरकार ने, जनहित में, सीवीसी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियुक्ति की है।’ 1974 बैच के बिहार कैडर के अधिकारी सिन्हा को नया सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया है। इस समय वह भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक हैं।
इससे पहले भाजपा ने प्रधानमंत्री से सीबीआई के निदेशक के तौर पर रंजीत सिन्हा की नियुक्ति रोकने की मांग की।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में भाजपा नेता सुषमा स्वराज एवं अरुण जेटली ने कहा कि सरकार ने ऐसे समय पर सिन्हा की नियुक्ति का फैसला किया जब राज्यसभा में लोकपाल पर प्रवर समिति की रिपोर्ट पेश की गई।
दोनो नेताओं ने असंतोष व्यक्त किया और कहा कि राज्यसभा में प्रवर समिति की अनुशंसाओं को पेश करने से कुछ ही घंटे पहले जिस तरह से सरकार ने यह नियुक्त की है उससे लगता है कि वह अनुशंसाओं को वर्तमान नियुक्तियों पर लागू नहीं होने देना चाहती।
स्वराज एवं जेटली द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में कहा गया,`हमें सरकार की इस कार्रवाई पर अपना जबरदस्त विरोध एवं असंतोष दर्ज कराना चाहिए। हम आपसे इस निर्णय पर पुनर्विचार करने और जब तक यह अनुशंसाएं कानून नहीं बन जाते तब तक नियुक्ति रोकने की मांग करते हैं। आशा करते हैं कि अगले कुछ दिनों में यह पारित हो जाएगा।`
स्वराज लोकसभा में तो जेटली राज्यसभा में नेता विपक्ष हैं। प्रवर समिति की अनुशंसा के अनुसार सीबीआई निदेशक की नियुक्ति प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता विपक्ष एवं देश के सर्वोच्च न्यायाधीश वाला समूह करेगा। सिन्हा को गुरुवार को दो वर्ष के लिए सीबीआई का निदेशक नियुक्त किया गया था। (एजेंसी)
First Published: Friday, November 23, 2012, 23:46