PM ने इटली को दी चेतावनी-मरीनों को भेजो, वरना भुगतने होंगे परिणाम- Marines case: There will be ‘consequences’, PM warns Italy

PM ने इटली को दी चेतावनी-मरीनों को भेजो, वरना भुगतने होंगे परिणाम

PM ने इटली को दी चेतावनी-मरीनों को भेजो, वरना भुगतने होंगे परिणामनई दिल्ली : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को कड़ा रुख अपनाते हुए इटली पर राजनयिक शिष्टाचार के हर नियम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। उन्होंने इटली को चेतावनी दी कि भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीन (नौसैनिक) को वापस भारत भेजा जाए अन्यथा द्विपक्षीय संबंधों पर इसका गंभीर असर पड़ेगा।

संसद के दोनों सदनों में विपक्ष द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर सिंह ने कहा कि इटली के आचरण से देश आंदोलित है और इटली का व्यवहार अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि सरकार दोनों इतालवी मरीन को वापस लाने के लिए राजनयिक जरिये का इस्तेमाल करेगी।

प्रधानमंत्री ने इटली को चेतावनी दी कि अगर उसने भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले अपने दो मरीनों (नौसैनिकों) को भारत वापस भेजने के अपने आश्वासन को पूरा नहीं किया तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि इसमें दो राय नहीं हो सकती कि इटली सरकार ने जो किया है, वह उचित नहीं है। हमारी सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि इटली का यह व्यवहार स्वीकार्य नहीं है। उसने उच्चतम न्यायालय को दिए गए आश्वासन का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि इन मरीनों को भारत वापस भेजे जाने के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय को इटली द्वारा दिए गए आश्वासन का जिस तरह उल्लंघन किया गया है, वह द्विपक्षीय रिश्तों के हित में नहीं है।

सिंह ने कहा कि हमने इटली सरकार से कह दिया है कि वह उच्चतम न्यायालय में दिए गए हलफनामे का सम्मान करते हुए दोनों मरीनों को वापस भेजे। यदि वापस नहीं भेजा जाता है तो इसके परिणाम भुगतने होंगे। गौरतलब है कि इटली के इन दो मरीनों ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में भारत के दो मछुआरों की कथित रूप से गोली मारकर हत्या की थी जिसके बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इससे पहले इन दो मरीन को क्रिसमस और नव वर्ष मनाने अपने देश जाने की अनुमति अदालत ने दी थी। इटली की ओर से हलफलनामा दिया गया था कि दोनों मरीन भारत लौट आएंगे और वे लौट भी आए थे।

लेकिन इटली में चुनाव के दौरान मतदान के लिए इन्हें फिर अपने देश जाने की इजाजत दी गई थी। इटली के राजदूत ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दिया था कि दोनों मरीन चुनावी प्रक्रिया के बाद वापस भारत लौट आएंगे लेकिन अब इस आश्वासन का उल्लंघन करते हुए इटली ने ऐलान किया है कि दोनों मरीन भारत नहीं भेजे जाएंगे।

शून्यकाल में भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने यह मामला उठाते हुए कहा कि इटली के इन दो मरीन ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में नहीं बल्कि भारतीय समुद्री क्षेत्र में और हमारे तट के निकट देश के दो मछुआरों की गोली मारकर हत्या कर दी और बाद में कहा कि उन्होंने इन मछुआरों को समुद्री दस्यु समझकर मारा था। उन्होंने कहा कि भारतीय तट पर समुद्री दस्यु की कोई समस्या नहीं है और न ही जिस पोत पर ये इतालवी मरीन सवार थे, उस पर उनके देश का ध्वज लगा था इसलिए वे इस तरह की कार्रवाई करने के हकदार भी नहीं थे।

सिंह ने इस बात को हैरानी भरा बताया कि पहले क्रिसमस और नव वर्ष तथा बाद में इटली में मतदान में भाग लेने के नाम पर हत्या के इन आरोपियों को इटली जाने दिया गया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या भारतीय जेलों में बंद कैदियों को होली, दीवाली या ईद के समारोह मनाने के लिए जेल से छोडा जाता है या उन्हें चुनाव के समय मतदान में भाग लेने के लिए जाने दिया जाता है? अगर ऐसा नहीं है तो इतालवी मरीनों के साथ ऐसा विशेष व्यवहार क्यों किया गया?

सिंह ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इटली के राजदूत के आश्वासन पर इन मरीन को उनके देश जाने दिया लेकिन उसमें प्रावधान था कि इटली में रहते हुए भी वे वहां की पुलिस की हिरासत में रहेंगे। उन्होंने कहा कि विदेशियों के साथ इस तरह का विशेष व्यवहार देश में पहले भी हो चुका हैं। भोपाल गैस कांड के मुख्य आरोपी वारेन एंडरसन को भी देश से जाने दिया गया। पुरूलिया में हथियार गिराने के मामले के आरोपियों को भी सजा पूरी किए बिना उनके देश भेज दिया गया। यही नहीं इटली के व्यापारी ओत्तावियो क्वात्रोच्चि को भी दिल्ली से भागने में सीबीआई ने मदद की।

उधर, भारतीय मछुआरों की हत्या के आरोपी दो इतालवी मरीनों के भारत लौटने से इनकार करने के मुद्दे पर वाम एवं भाजपा सदस्यों ने लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया।

First Published: Wednesday, March 13, 2013, 13:06

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