Last Updated: Saturday, November 3, 2012, 17:42
नई दिल्ली : मुख्य सूचना आयुक्त सत्यानंद मिश्रा ने आज सरकारी संस्थाओं पर सूचना के अधिकार कानून के लागू होने के सात साल बाद भी कानून में प्रदत्त स्वत: खुलासे के प्रावधानों पर अमल नहीं करने का आरोप लगाया। आरटीआई कानून की धारा-4 का हवाला देते हुए मिश्रा ने कहा कि इन वैधानिक प्रावधानों का सात साल बाद भी पालन नहीं हुआ।
मिश्रा ने 11वें अखिल भारतीय लोकायुक्त सम्मेलन को यहां संबोधित करते हुए कहा, ‘आरटीआई में हर सरकारी संस्था को विभिन्न सूचनाएं को जाहिर करने के लिए अनिवार्य प्रावधान है। लगभग सभी सरकारी संस्थाएं सात साल के बाद भी इन अनिवार्य जरूरतों को पूरा कर पाने में नाकाम रहीं।’
आरटीआई कानून को भ्रष्टाचार के खिलाफ रक्षा तंत्र बताते हुए मिश्रा ने कहा, ‘दस्तावेजों को सही से रखने और उनका इंडेक्स तैयार करने से सूचनाओं के प्रसार और सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार से निपटने में मदद मिलती है।’ राष्ट्रीय सलाहकार परिषद की सदस्य अरुणा राय ने कहा कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए व्हिसल ब्लोअर कानून, शिकायत निवारण कानून जैसे अन्य सहायक कानून बनाने की जरूरत है। (एजेंसी)
First Published: Saturday, November 3, 2012, 17:42