Last Updated: Monday, February 13, 2012, 07:51
ज़ी न्यूज ब्यूरो नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस बालाकृष्णन के रिश्तेदारों के मुद्दे पर सरकार को आड़े हाथ लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि पूर्व मुख्य न्यायधीश के जी बालाकृष्णन के रिश्तेदारों के खिलाफ लगे आरोपों पर अभी तक क्या कार्रवाई की गई है।
जनहित यायिका में कहा गया है कि संविधान में यह प्रावधान है कि अगर केंद्र सरकार इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में भेजती है तो सुप्रीम कोर्ट केजी बालाकृष्णन को उनके पद से हटा सकता है लेकिन केंद्र सरकार ने इस मामले में अब तक कुछ नहीं किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सरकार से जानना चाहा कि उसने गैर सरकारी संगठन, कॉमन कॉज द्वारा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन के खिलाफ लगाए गए आरोप पर क्या कार्रवाई की। इस संगठन ने न्यायमूर्ति बालाकृष्णन के खिलाफ अनाचार के आरोप लगाए हैं।
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एसएस कपाड़िया की अध्यक्षता वाली पीठ ने महान्यायवादी जी वाहनवती से कहा कि वह न्यायालय को सूचित करें कि क्या गैर सरकारी संगठन द्वारा की गई शिकायत पर सरकार ने कोई कार्रवाई की है या नहीं, या सरकार ने इसके बारे में क्या कुछ करने का प्रस्ताव किया है।
याचिकाकर्ता, ने आरोप लगाया है कि जब न्यायमूर्ति केजी बालाकृष्णन सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश थे, तो उस समय उनके दो दामादों और भाई सहित उनके कई रिश्तेदारों ने 40 करोड़ रुपये की सम्पत्ति जमा की थी।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 मार्च की तारीख तय की है। इस समय तक केंद्र सरकार को इस बारे में न्यायालय को सूचित करना है कि उसने कॉमन कॉज की शिकायत पर क्या कार्रवाई की।
First Published: Monday, February 13, 2012, 17:01