Last Updated: Monday, August 5, 2013, 20:01

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने विशिष्ट व्यक्तियों को सरकार से प्राप्त लाल बत्ती और साइरन के दुरुपयोग को समाज के लिए खतरा बताते हुए सोमवार को कहा कि इसे रोका जाना चाहिए। न्यायालय ने केंद्र सरकार से कहा है कि इस बारे में नियम तैयार किये जायें और संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों तक ही इसका इस्तेमाल सीमित किया जाए।
न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौडा की खंडपीठ ने सरकार से कहा कि लाल बत्ती और साइरन का दुरुपयोग करने वालों पर तगड़ा जुर्माना किया जाए। न्यायालय ने इस मसले पर जवाब के लिए सरकार को दो सप्ताह का वक्त दिया है। न्यायाधीशों ने उच्च सुरक्षा वाले विशिष्टि व्यक्तियों की लाल बत्तियों और साइरन वाली गाड़ियों का काफिला गुजरने के दौरान जनता को होने वाली परेशानी का जिक्र करते हुए कहा कि नागरिकों से अलग व्यवहार कैसे किया जा सकता है। न्यायाधीशों ने कहा कि यह समाज के लिए परेशानी का सबब बन चुका है और इसका दुरुपयोग करने वालों से सख्ती से निबटने की आवश्यता है।
न्यायालय गाड़ियों में लाल बत्ती के दुरुपयोग को लेकर उत्तर प्रदेश निवासी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इससे पहले, न्यायालय ने कहा था कि गाड़ियों में लाल बत्ती तो हैसियत का प्रतीक बनती जा रही हैं। न्यायालय चाहता था कि विशिष्टि व्यक्तियों की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को सड़कों पर महिलाओं को सुरक्षित बनाने जैसे बेहतर कार्य में तैनात किया जाना चाहिए।
न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों ने उन व्यक्तियों की सूची मांगी थी जिन्हें केन्द्र सरकार या राज्य प्रशासन से सुरक्षा प्राप्त है। न्यायालय ने कहा था कि वह व्यक्तियों की सुरक्षा का आकलन करने के लिए एक नई व्यवस्था तैयार करेगी। (एजेंसी)
First Published: Monday, August 5, 2013, 20:01