VVIP चॉपर परीक्षण की वायुसेना की योजना पर एंटनी ने उठाए थे सवाल

VVIP चॉपर परीक्षण की वायुसेना की योजना पर एंटनी ने उठाए थे सवाल

VVIP चॉपर परीक्षण की वायुसेना की योजना पर एंटनी ने उठाए थे सवालनई दिल्ली : वीवीआईपी हेलिकॉप्टर सौदा मामले में रक्षा मंत्री एके एंटनी ने शुरूआत में एंग्लो-इतालवी एडब्ल्यू-101 और अमेरिकी सिकोरस्की एस-92 हेलिकॉप्टरों का क्षेत्र मूल्यांकन परीक्षण भारतीय दशाओं की बजाय उनके घरेलू अड्डों पर करने को लेकर सवाल उठाए थे।

सरकारी सूत्रों ने यहां बताया कि रक्षा खरीद बोर्ड (डीपीबी) ने वायुसेना से इस संबंध में अपने फैसले की समीक्षा करने और भारतीय दशाओं में दोनों हेलिकॉप्टरों का परीक्षण करने को भी कहा था। उन्होंने कहा कि वायु सेना मुख्यालय ने हालांकि रक्षा मंत्रालय से कहा था कि हेलिकॉप्टर विक्रेताओं के घरेलू अड्डे परीक्षण के लिए उपलब्ध हैं और उन्हें भारत लाने से उनकी खरीद में कम से कम नौ महीने का विलंब होगा।

सूत्रों ने बताया कि वायुसेना के खरीद प्रक्रिया में देरी की दलील रखने के बाद ही मंत्री और डीपीबी ने भारत के बाहर परीक्षण किए जाने की अनुमति दी। उन्होंने बताया कि ऐसा लगता है कि एंटनी और मंत्रालय की राय थी कि ब्रिटेन और अमेरिका की परिचालनात्मक दशाएं भारत की दशाओं से मेल नहीं खाएंगी जिसमें गर्म मरुस्थल, आर्द्र मैदानी इलाके और सियाचिन ग्लेशियर और लद्दाख क्षेत्र जैसे काफी ऊंचाई वाले क्षेत्र शामिल हैं।

अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर का परीक्षण ब्रिटेन में जबकि सिकोरस्की हेलिकॉप्टर का परीक्षण अमेरिका में 16 जनवरी 2008 से फरवरी 2008 के बीच किया गया था। हेलिकॉप्टरों के परीक्षण के तुरंत बाद एक क्षेत्र मूल्यांकन परीक्षण दल ने अप्रैल 2008 में अपनी रिपोर्ट सौंपी और अगस्ता वेस्टलैंड के एडब्ल्यू-101 हेलिकॉप्टर को वायुसेना में शामिल करने की अनुशंसा की।

वायुसेना के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि रक्षा मंत्री और डीपीबी ने परीक्षण स्थल को लेकर सवाल उठाए थे लेकिन उन कदमों से हेलिकॉप्टरों की खरीद में विलंब होता। ये हेलिकॉप्टर वीवीआईपी लोगों के लिए खरीदे जाने वाले थे। सूत्रों ने बताया कि वायु सेना सौदे के तहत खरीदे जाने वाले हेलिकॉप्टरों की संख्या आठ से बढ़ाकर 12 करने के फैसले का भी हिस्सा है।

साल 2009 में मंत्रालय जब अगस्ता वेस्टलैंड के साथ 12 हेलिकॉप्टरों की अंतिम कीमत पर चर्चा कर रहा था तब वायु सेना मुख्यालय ने अंतिम समय में अतिरिक्त उपकरण यथा ट्रैफिक कलूशन अवॉइडन्स सिस्टम (टीसीएएस-2) और इन्हैन्स्ड ग्राउन्ड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम (ईजीपीडब्ल्यूएस) की भी खरीद की सिफारिश की।

खरीद सूची में इन उपकरणों को जोड़ने से सरकारी खजाने पर तकरीबन 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा था। अगस्ता वेस्टलैंड को अनुबंध देने के एवज में 362 करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के आरोपों के सामने आने के बाद रक्षा मंत्रालय ने सौदे पर रोक लगा दी है। इतालवी अधिकारियों के फिनमेकैनिका के पूर्व सीईओ ग्यूसेप ओर्सी के गिरफ्तार करने के तुरंत बाद रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

सीबीआई पहले ही मामले में प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है और पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी और उनके रिश्ते के तीन भाइयों से एंग्लो इतालवी फर्म को अनुबंध दिलाने में कथित भूमिका के लिए पूछताछ कर चुकी है। रक्षा मंत्रालय इतालवी अधिकारियों और फिनमेकैनिका के संपर्क में है ताकि मामले से संबंधित आधिकारिक दस्तावेज हासिल किए जा सकें।

एंटनी ने फिनमेकैनिका को कारण बताओ नोटिस जारी कर सौदे को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिनमेकैनिका से उसके खिलाफ आरोपों का जवाब देने को कहा गया है और उससे पूछा गया है कि क्यों न सौदे को रद्द कर दिया जाए। (एजेंसी)

First Published: Sunday, March 17, 2013, 20:50

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