Last Updated: Thursday, November 22, 2012, 23:45
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन संबंधी क्षेत्रीय दावों को लेकर फिर से दंगल शुरू हो गया है। चीनी सरकार द्वारा अरूणाचल प्रदेश तथा पूरे अक्साई चीन को अपने नए ई पासपोर्ट पर देश के मानचित्र में दिखाए जाने के बाद यह विवाद शुरू हुआ है। इससे नाराज बीजिंग में भारतीय दूतावास ने चीनी नागरिकों को जारी किए जाने वाले वीजा में अरूणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपने मानचित्र में दर्शाना शुरू कर दिया है।
चीन ने जम्मू कश्मीर को ‘विवादित क्षेत्र’ करार देते हुए इसके निवासियों को नत्थी वीजा तथा अरूणाचल प्रदेश के निवासियों को वीजा से इनकार कर इस विवाद को शुरू किया था। चीन की इस कार्रवाई से खासे नाराज भारत ने पड़ोसी देश के साथ कड़ा विरोध जताया था जिसके बाद चीन ने जम्मू कश्मीर के निवासियों को बिना आधिकारिक रूप से स्वीकार किए सामान्य वीजा जारी करना शुरू कर दिया था। अक्साई चीन और अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा कोई नई बात नहीं है। अरुणाचल प्रदेश की चीन के साथ बिना बाड़ की 1030 किलोमीटर सीमा लगती है।
1962 में चीन और भारत के बीच अक्साई चीन तथा अरुणाचल प्रदेश को लेकर युद्ध हुआ था लेकिन 1993 और 1996 में दोनों देशों ने शांति और सद्भावना बनाए रखने के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा का सम्मान करने के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन के जल्द ही अगले दौर की सीमा वार्ता में भाग लेने के लिए बीजिंग जाने की संभावना है जहां वह अपने चीनी समकक्ष दाई बिनगाउ के साथ वार्ता करेंगे। (एजेंसी)
First Published: Thursday, November 22, 2012, 23:45