अगवा डीएम की रिहाई को वार्ता शुरू - Zee News हिंदी

अगवा डीएम की रिहाई को वार्ता शुरू




रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिलाधिकारी एलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार और माओवादियों के मध्यस्थों के बीच गुरुवार को हुई चर्चा में कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सका और अब चर्चा शुक्रवार को भी जारी रहेगी। राज्य सरकार की ओर से मध्यस्थ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दोनों पक्षों के मध्यस्थों की आज सकारात्मक माहौल में चर्चा हुई। हालंकि अभी तक कोई भी नतीजा नहीं निकला लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही इसका नतीजा निकल आएगा। चर्चा अभी जारी है तथा सभी मध्यस्थ कल फिर इस मुददे को लेकर चर्चा करेंगे।

 

बुच ने मध्यस्थों के बीच हुई चर्चा का खुलासा करने से मना कर दिया तथा कहा कि आगे इस विषय पर और चर्चा होगी तथा उम्मीद है कि जल्द ही इसका हल निकाल लिया जाएगा। इधर, माओवादियों की तरफ से मध्यस्थ प्रोफेसर हरगोपाल ने बताया कि चर्चा का दौर जारी है तथा उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में कोई हल निकाल लिया जाएगा। हरगोपाल ने बताया कि यह प्रारंभिक दौर की बैठक थी तथा इस दौरान चर्चा के तौर तरीकों और माओवादियों की मांगों पर बातचीत की गई। चारों मध्यस्थों के बीच चर्चा सकारात्मक रही और कल सुबह फिर बातचीत होगी। उन्होंने बताया कि आज की चर्चा के बारे में मध्यस्थ अपने अपने पक्षों को जानकारी देंगे तथा इसके बाद आगे बात की जाएगी। बैठक में राज्य सरकार की ओर से निर्मला बुच और एसके मिश्रा एवं माओवादियों की तरफ से बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल शामिल हैं।

 

आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि सुकमा के कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए राज्य सरकार की ओर से अधिकृत मध्यस्थ मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्य सचिव निर्मला बुच और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव एसके मिश्रा तथा माओवादियों की ओर से अनुसूचित जनजाति आयोग के भूतपूर्व कमिश्नर ब्रम्हदेव शर्मा और केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के पूर्व प्राध्यापक प्रोफेसर हरगोपाल के मध्य बातचीत का दौर शुरू हो गया है।

 

अधिकारियों ने बताया कि राजधानी रायपुर स्थित राज्य अतिथि गृह पहुना में हो रही बैठक में मध्यस्थ कलेक्टर मेनन की रिहाई के लिए सरकार का पक्ष और माओवादियों की मांगों पर विचार करेंगे। बैठक के दौरान कानूनी जानकारों के भी पहुना में उपस्थित होने की जानकारी है। इससे पहले आज बीडी शर्मा और प्रोफेसर हरगोपाल चर्चा के लिए रायपुर पहुंचे। प्रोफेसर हरगोपाल ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पहली प्राथमिकता अगवा कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन की रिहाई के लिए प्रयास करना है। बीडी शर्मा पहले बस्तर क्षेत्र के कलेक्टर रह चुके हैं और वह यहां के आदिवासियों की मूल समस्या के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं। दोनों मिलकर इस समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।

 

हरगोपाल ने कहा कि वह पहले भी माओवादियों द्वारा अपहृत लोगों की रिहाई के लिए मध्यस्थता कर चुके हैं और सफल रहे हैं। उम्मीद है कि वह इस बार भी सफल रहेंगे। हालांकि छत्तीसगढ़ और उड़ीसा की परिस्थितियों में अंतर है। वहीं, बीडी शर्मा ने कहा कि उनकी प्राथमिकता कलेक्टर की रिहाई है तथा उनके अपहरण के लिए व्यवस्था दोषी है। इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा है कि उन्हें पहले भी उम्मीद थी और अभी भी उम्मीद है कि कलेक्टर मेनन की सकुशल रिहाई हो जाएगी और वह अपने कार्य में जल्द लौट सकेंगे।

 

उन्होंने कहा कि कलेक्टर मेनन व्यवस्था में सुधार कर रहे थे तब उनका अपहरण हुआ है। वैसे अभी यह समय किसी को दोषी ठहराने का नहीं है। राज्य के सुकमा जिले से मिल रही खबरों के मुताबिक कलेक्टर की पत्नी आशा मेनन का भी स्वास्थ्य खराब होने की जानकारी मिली है। आशा मेनन के लिए बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर से हेलीकाप्टर से चिकित्सकों को सुकमा भेजा गया है। चिकित्सकों ने आशा मेनन की हालत खतरे से बाहर बताई है।

 

छत्तीगसढ़ के सुकमा जिले के कलेक्टर अलेक्स पाल मेनन का शनिवार को माओवादियों ने मांझीपारा गांव से अपहरण कर लिया था। इसके बाद माओवादियों ने अपने आठ साथियों की रिहाई समेत पांच मांगे रख दी हैं। बाद में माओवादियों द्वारा बातचीत के लिए बीडी शर्मा, प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मनीष कुंजाम का नाम आगे बढ़ाया गया था। हालांकि, भूषण और कुंजाम ने मध्यस्थता करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद माआवादियों ने प्राफेसर हरगोपाल का नाम सामने किया था। राज्य सरकार ने अपनी ओर निर्मला बुच और एसके मिश्रा को बातचीत के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया है।

(एजेंसी)

First Published: Thursday, April 26, 2012, 20:46

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