Last Updated: Monday, March 11, 2013, 09:05

नई दिल्ली : अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खादिमों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ का दान लेने से मना कर दिया। अशरफ शनिवार को यहां जियारत करने आए थे। वाहिद मियां चिश्ती ने बताया कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री दरगाह पर नजराना पेश करना चाहते थे, लेकिन हमने पाकिस्तान उच्चायोग से कहा कि कोई भी नजराना कुबूल नहीं किया जाएगा।
दरगाह की देखरेख करने वाले अंजुमन खादिम के सचिव ने अजमेर से फोन पर कहा कि इस इनकार का दरगाह के दीवान जैनुल अबेदीन अली खान के बहिष्कार से कोई लेनादेना नहीं है। दरगाह के दीवान जैनुल अबेदीन ने शनिवार को अशरफ की अजमेर शरीफ दरगाह में जियारत का बहिष्कार किया था।
चिश्ती ने कहा कि पिछले साल जियारत करने आए पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने जब दरगाह पर 10 लाख डॉलर चढ़ाए थे, तब बड़ा विवाद हुआ था। इस पर काबू पाने में कई महीने लग गए। उन्होंने बताया कि दान में हिस्सेदारी को लेकर दरगाह के कई गुटों में विवाद हो गया था। चिश्ती ने कहा कि खादिम यह संदेश नहीं देना चाहते कि पैसा उनके लिए अहम है। चिश्ती ने कहा कि हमारा काम ख्वाजा की नसीहतों का प्रचार करना और दरगाह पर आने वाले जायरीना की हर मुमकिन मदद करना है। (एजेंसी)
First Published: Monday, March 11, 2013, 09:05