Last Updated: Saturday, September 28, 2013, 22:32

मुंबई/नई दिल्ली : दोषी सांसदों विधायकों को तत्काल अयोग्यता से बचाने वाले अध्यादेश पर राहुल गांधी के हमले पर मचा राजनीतिक घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भाजपा ने आज कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय की गरिमा को ‘नुकसान’ हुआ है और कांग्रेस का कहना है कि यह ‘लोकतंत्र के लिए स्वास्थ्यकर’ है।
अध्यादेश को लेकर राहुल के सरकार पर निशाना साधने के एक दिन बाद, कांग्रेस ने एकजुट दिखने का प्रयास किया जबकि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विवादित अध्यादेश पर चर्चा के लिए संप्रग समन्वय समिति की बैठक बुलाने की मांग की।
उन्होंने श्रीनगर में कहा, ‘मुझे लगता है कि संप्रग के सभी घटकांे को विश्वास में लेने और इस अध्यादेश को लेकर पैदा गलतफहमियों को दूर करने के लिए समन्वय समिति की बैठक बुलाई जानी चाहिए और सार्वजनिक रूप से जो स्थिति पैदा हुई है उसे बंद कमरे में ठीक करने की जरूरत है।’ केन्द्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष की विवादित अध्यादेश की आलोचना को ‘लोकतंत्र के लिए स्वास्थ्यकर’ बताया और कहा कि गलती को स्वीकार करके इसे ठीक करने में कुछ भी गलत नहीं है।
देवड़ा ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस में लोकतंत्र के लिए यह स्वास्थ्यकर दिन है, संप्रग सरकार में लोकतंत्र के लिए यह स्वास्थ्यकर दिन है और भारत में लोकतंत्र के लिए यह स्वास्थ्यकर दिन है। देवड़ा इन सवालों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि कांग्रेस और संप्रग सरकार की इस अध्यादेश को लेकर एक राय नहीं थी। राहुल द्वारा अध्यादेश की आलोचना करने से पूर्व इसका सार्वजनिक रूप से विरोध करने वाले एकमात्र केन्द्रीय मंत्री देवड़ा ने हालांकि कहा कि सरकार या पार्टी में किसी भी व्यक्ति ने प्रधानमंत्री के अधिकार को कमतर करने का प्रयास नहीं किया और सभी उनका बहुत सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी और सरकार इस पर एक हैं। हम मजबूत से प्रधानमंत्री के पीछे हैं और सरकार तथा पार्टी अध्यादेश पर एक हैं।
उधर, भाजपा नेताओं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अरूण जेटली ने कहा कि राहुल द्वारा अध्यादेश की कड़ी आलोचना करने से प्रधानमंत्री कार्यालय की गरिमा को ‘नुकसान’ पहुंचा। चौहान ने भोपाल में एक बयान में कहा कि अध्यादेश पर राहुल गांधी की टिप्पणियां प्रधानमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद का अपमान हैं।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल के हमले ने ‘भाजपा के दोहरे मापदंड को पंचर कर दिया।’ उन्होंने कहा कि राहुल ने भाजपा के दोहरे मापदंड के गुब्बारे की हवा निकाल दी। भाजपा सर्वदलीय बैठक में संशोधन पर सहमत थी। भाजपा प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने रायपुर में विवादित अध्यादेश की राहुल गांधी की आलोचना को ‘नाटक’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस को अपना नाम बदलकर ‘इंडियन नौटंकी कांग्रेस’ रख लेना चाहिए। नकवी ने कहा कि राहुल ने यह दिखाने की कोशिश की कि वह अपनी पार्टी के नेताओं से अलग हैं। यह नाकाम पटकथा के साथ नाटक था।
वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहुल का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अध्यादेश वापस लेने की अपील की। कुमार ने पटना में कहा कि अध्यादेश उचित नहीं है। राहुल गांधी ने सही बात कही है। उन्होंने कहा कि अगर आप किसी भी स्तर पर अपने गलत कदम को रोकते हैं तो यह आपकी प्रतिष्ठा कम नहीं करता बल्कि इसे और बढाते हैं। कुमार ने कहा कि इस तरह के महत्वपूर्ण मुददे पर कानून बनाने का काम संसद के ऊपर छोड़ देना चाहिए।
भाजपा की आलोचना को खारिज करते हुए कांग्रेस नेता और संसदीय कार्य मंत्री कमलनाथ ने कहा कि विविध नजरिये रखना किसी भी राजनीतिक दल के लिए ‘काफी सामान्य’ है। एक अन्य केन्द्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और सरकार के बीच कोई गतिरोध नहीं है। केन्द्रीय जहाजरानी मंत्री जीके वासन ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पार्टी और देश की जनता की राय व्यक्त की है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने कहा कि राहुल केवल कई लोगों की चिंताओं को व्यक्त कर रहे हैं और उनकी आलोचना के समय को लेकर कुछ भी नहीं पढ़ा जाना चाहिए।
तेदेपा प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राहुल की आलोचना से असहमत हैं तो उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को आगे बढाने के लिए प्रधानमंत्री को बार बार अपमानित किया जा रहा है। अगर प्रधानमंत्री उनसे असहमत हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा नेता वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष का ‘असली इरादा’ प्रधानमंत्री को यह ‘दिखाना’ है कि ‘असली बॉस कौन है।’ (एजेंसी)
First Published: Saturday, September 28, 2013, 22:32