Last Updated: Tuesday, November 6, 2012, 15:34

ज़ी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली : सीनियर अधिवक्ता और वरिष्ठ भाजपा नेता राम जेठमलानी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जेठमलानी ने मंगलवार को कहा है कि गडकरी को लेकर बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता नाखुश हैं। पार्टी अध्यक्ष के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद कई वरिष्ठ भाजपा नेता मेरे संपर्क में हैं। गडकरी को अध्यक्ष पद की कुर्सी तुरंत छोड़ देना चाहिए।
राम जेठमलानी ने आज पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उम्मीद थी कि गडकरी खुद इस्तीफा दे देंगे, लेकिन गडकरी को अब देशहित, पार्टी हित में इस्तीफा दे देना चाहिए। वैसे ही पार्टी की छवि काफी खराब हो चुकी है और काफी नुकसान हो चुका है। जब गडकरी के खिलाफ चल रही है तो ऐसे में उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
जेठमलानी ने दावा किया कि गडकरी के इस्तीफे पर जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा उनके साथ हैं। उन्होंने कहा कि खुलेआम यह मांग करने के लिए निष्कासित किए जाने पर वह खुश होंगे। उधर, बीजेपी के कई नेताओं की आपस में मुलाकात हुई। गडकरी ने भी सुषमा स्वराज और अरुण जेटली से मुलाकात की। वहीं, आरएसएस के विचारक एस. गुरुमूर्ति ने लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की।
इससे पहले, पत्रकारों से बातचीत में जेठमलानी ने कहा कि गडकरी को एक चिट्ठी लिखी थी और उनके साथ बैठक करना चाहता था। लेकिन वो बैठक अभी तक नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि महेश जेठमलानी ने जायज मांग पर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह भी कहा कि उनके पार्टी छोड़ने का सवाल ही नहीं उठता है।
जेठमलानी ने कहा कि गडकरी के मुद्दे पर आरएसएस में खींचतान जारी है और उन्हें लगता है कि इस मुद्दे पर उन्हें संघ का समर्थन नहीं है। भाजपा में कुछ लोगों की राय है कि उन्हें अपनी मांग सार्वजनिक रूप से जाहिर नहीं करनी चाहिए। इस बारे में पूछने पर जेठमलानी ने कहा कि उन्होंने पहले इस मुद्दे पर अंदरूनी तौर पर चर्चा की कोशिश की लेकिन पार्टी में किसी ने भी उन्हें कोई चर्चा के लिए नहीं बुलाया।
गडकरी मीडिया द्वारा अपनी कंपनी के कथित संदिग्ध वित्तीय लेनदेन के खुलासे के बाद आलोचनाओं के निशाने पर हैं। उन्होंने पद छोड़ने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि वह किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। जेठमलानी ने कहा कि उन्होंने पिछले माह लंदन से गडकरी के इस्तीफे की मांग की थी और सोचा था कि इस पर पार्टी अध्यक्ष विचार करेंगे तथा चर्चा के लिए उन्हें बुलाएंगे।
उन्होंने कहा कि गडकरी ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। और तो और, आरएसएस के विचारक एस गुरुमूर्ति ने उनसे इस मुद्दे पर आगे कोई बयान न देने का अनुरोध कर डाला।
जेठमलानी ने कहा कि वह इस मुद्दे पर पार्टी के अंदर ही नेताओं से बातचीत के प्रयास करते रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या वह पार्टी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार हैं, तो जेठमलानी ने कहा कि यह मांग खुलेआम करने के लिए निष्कासित किए जाने पर वह खुश होंगे लेकिन वह न तो खुद पार्टी छोड़ेंगे और न ही संसद की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।
उनसे पूछा गया कि गडकरी की जगह किसे पार्टी अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए। इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा के विधान के अनुसार, सर्वाधिक वरिष्ठ उपाध्यक्ष को यह जिम्मा उठाना चाहिए। जेठमलानी ने दोहराया कि नरेंद्र मोदी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के बेहतर उम्मीदवार होंगे और उनके (मोदी के) पास पार्टी अध्यक्ष बनने के लिए समय नहीं है।
First Published: Tuesday, November 6, 2012, 11:44