Last Updated: Thursday, September 1, 2011, 12:31
नई दिल्ली: इरोम शर्मिला ने अन्ना हजारे के आंदोलन को बनावटी करार दिया है. सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकार हनन के खिलाफ संघर्ष कर रही शर्मिला ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा, ‘हम भ्रष्टाचार कैसे मिटा सकते हैं? जहां तक मेरे मामले का सवाल है, मैं एक साधारण महिला हूं जो समाज में सुधार लाना चाहती है. अन्ना का आंदोलन प्रेरणादायी जरूर है, लेकिन यथार्थवादी नहीं है.’
शर्मिला ने कहा, 'अन्ना उम्रदराज सामाजिक कार्यकर्ता हैं जबकि मैं एक साधारण महिला हूं. हमारा मकसद बिल्कुल अलग है. हमें अन्ना के नेतृत्व की जरूरत नहीं है.' इससे पहले ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि अन्ना हजारे शर्मिला के आंदोलन में हिस्सा लेने मणिपुर जा सकते हैं. टीम अन्ना के सदस्य अखिल गोगोई ने पिछले दिनों बताया था कि जैसे ही हजारे स्वस्थ होते हैं, वे गुवाहाटी में बड़े बांधों के खिलाफ रैली में भाग लेने यहां आ सकते हैं. इस दौरान अन्ना इम्फाल भी जाएंगे और शर्मिला के आंदोलन को समर्थन देंगे. इसी साल गुवाहाटी में भ्रष्टाचार के खिलाफ रैली में हजारे ने शर्मिला के साथ जुड़ने की इच्छा जताई थी.
मणिपुर की 'आयरन लेडी' मानी जाने वाली शर्मिला ने अपने घर के समीप एक बस पड़ाव पर सेना द्वारा 10 लोगों को मार गिराने की घटना को अपनी आखों से देखने के बाद अपना अनशन दो नवम्बर 2000 को शुरू किया था. उधर, मजबूत लोकपाल बिल की मांग को लेकर सरकार को घुटने टेकने को मजबूर कर देने वाले अन्ना हजारे और उनकी टीम को कश्मीर से बुलावा आया है. अलगावादी संगठन हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूख ने कश्मीर घाटी में 'निर्दोष लोगों की हत्या' रोकने के लिए अन्ना और उनकी टीम की मदद मांगी है.
First Published: Thursday, September 1, 2011, 18:03