अन्ना का नया मिशन, जांच-परख करने के बाद ही बनाएंगे टीम

अन्ना का नया मिशन, जांच-परख करने के बाद ही बनाएंगे टीम

अन्ना का नया मिशन, जांच-परख करने के बाद ही बनाएंगे टीमज़ी न्यूज ब्यूरो

नई दिल्ली: वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे ने सोमवार को आंदोलन के भावी स्वरुप का जिक्र किया। अन्ना ने संगठन का ऐलान तो नहीं किया लेकिन यह जरूर कहा कि आंदोलन को लेकर कोई जल्दीबाजी नहीं है।

नई दिल्ली के संवाददाता सम्मेलन में अन्ना ने कहा कि उनके आंदोलन से कई लोग जुड़ना चाहते है। लेकिन हम सभी लोग जांच-परख के बाद ही टीम में शामिल करेंगे। टीम के चुने हुए लोगों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कई पूर्व अफसरों ने मुझसे बात की है और टीम से जुड़ना चाहते हैं। अन्ना ने कहा कि जो भी लोग उनकी टीम में शामिल होना चाहेंगे उनके बैकग्राउंड की पूरी जांच की जाएगी।

उन्होंने अरविंद केजरीवल से मतभेद के मुद्दे पर कहा कि अरविंद चुनाव में खड़े होंगे तो समर्थन दूंगा। उन्होंने साफ किया कि उन्हें केजरीवाल के पार्टी बनाने पर ऐतराज नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर अरविंद सिब्बल के खिलाफ चुनाव में खड़े होंगे तो चुनाव प्रचार भी करूंगा।

अन्ना ने कहा कि वह नवंबर से देश का दौरा करेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनाएंगे।

टीम अन्ना के सदस्य रहे अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने अन्ना हजारे से मुलाकात की।

अन्ना और केजरीवाल दोनों ने ही मतभेदों को महत्व न देते हुए कहा कि उनके बीच कोई दरार नहीं है और वह एक दूसरे की मदद करेंगे।

केजरीवाल के बारे में अन्ना ने कहा, मैंने कभी नहीं कहा कि अरविंद बुरे हैं। अगर वह चुनाव लड़ते हैं तो मैं उनका समर्थन करूंगा। अब तक मैंने उनके बारे में कुछ नहीं कहा। वह समाज के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन यह भी है कि अरविंद द्वारा उतारे गए सभी उम्मीदवारों का मैं समर्थन नहीं करूंगा। मुझे यह कैसे पता होगा कि अरविंद किसे चुनेंगे।

अन्ना से मिलने आए केजरीवाल ने कहा कि हजारे दिल्ली में हैं और वह उनसे मिलने आए हैं। उन्होंने कहा, हमारे बीच रिश्ते हैं और कोई लड़ाई नहीं है। वह खुद कह चुके हैं कि रास्ते भले ही अलग-अलग हों लेकिन लक्ष्य एक है। हमने उनसे कहा है कि जब भी जरूरत होगी, हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने हमसे कहा है कि मीडिया ऐसा अहसास करा रहा है जैसे कोई लड़ाई हो।

बहरहाल अन्ना ने केजरीवाल के इस कथन से अलग राय जताई कि अगर ईमानदारी से काम किया गया तो वह उनके पास लौट आएंगे। अन्ना ने कहा कि केजरीवाल ने सबसे पहले पार्टी बनाने का विचार जाहिर किया था।

अन्ना का ध्यान केजरीवाल के साक्षात्कार की ओर दिलाया गया जिसमें उन्होंने दावा किया कि वरिष्ठ गांधीवादी कार्यकर्ता ने उन्हें प्रस्ताव दिया है तो अन्ना ने कहा, अगर उन्होंने ऐसा कहा है तो यह गलत है। केजरीवाल ने साक्षात्कार में यह भी कहा कि उन्होंने अन्ना से अपने सवाल के जवाब के लिए तीन दिन का समय मांगा है।

राजनीतिक पार्टी बनाने के सवाल पर अन्ना ने कहा कि वह कभी राजनीतिक भूमिका नहीं निभाएंगे। बहरहाल, उन्होंने कहा कि केजरीवाल के राजनीतिक राह पकड़ने में कुछ भी गलत नहीं है।

उन्होंने कहा, मैंने हमेशा कहा है कि यह गलत नहीं है। दोनों ही रास्ते सही हैं। अगर मैं राजनीति में प्रवेश करना चाहता तो बहुत पहले ही मैं ऐसा कर चुका होता। हमारे बीच बड़े मतभेद नही हैं। मतभेद होने ही क्यों चाहिए। अन्ना को हालांकि केजरीवाल की अगुवाई वाले समूह में यह खामी दिखी कि उन लोगों ने अन्ना के इन सवालों का जवाब खोजने की कोशिश नहीं की कि राजनीतिक विकल्प कैसे तैयार किया जाए। अन्ना के अनुसार, उन्होंने ग्रामसभाओं से सुझाव भी नहीं लिए जबकि अन्ना ऐसा चाहते थे।

रविवार को अन्ना ने केजरीवाल के समूह पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि उन्होंने उनके इन सवालों का जवाब नहीं दिया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में लोगों को राजनीतिक विकल्प कैसे दिया जाए। उन्होंने राजनीति की राह को ‘गंदगी भरा’ बताया था।

अन्ना ने कहा था, राजनीति का रास्ता साफ नहीं है और यह गंदगी भरा है लेकिन आंदोलन की राह पवित्र है। (एजेंसी)



First Published: Monday, October 1, 2012, 16:25

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