अन्ना की सलाह : दिग्विजय अपना चश्मा बदलें - Zee News हिंदी

अन्ना की सलाह : दिग्विजय अपना चश्मा बदलें

जी न्यूज ब्यूरो/एजेंसी

नई दिल्ली : भ्रष्टाचार के खिलाफ जन आंदोलन चला रहे गांधीवादी अन्ना हजारे ने कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह को सलाह दी, 'मेरे आंदोलन को देखने का आपके चश्मे का रंग गलत है इसलिए आपको अपना चश्मा बदल लेना चाहिए।' अन्ना ने कहा कि इस बुराई को मिटाने के लिए उन्हें भाजपा और कांग्रेस, दोनों में कोई फर्क नजर नहीं आता। कांग्रेस और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिलकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।

 

अन्ना ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के 11 और 12 अक्तूबर को लिखे दो पत्रों के जवाब में आठ पृष्ठों के जवाबी खत में गुरुवार को कहा, ‘भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दोनों ही पार्टियों (कांग्रेस और भाजपा) की अंदर की आवाज नहीं निकलती। भ्रष्टाचार मिटाने के लिए दोनों ही पार्टियों में मुझे कोई फर्क नजर नहीं आता।’ संघ से स्वयं को जोड़े जाने के दिग्विजय के आरोपों पर अन्ना ने कहा, ‘आपने मुझे भाजपा और संघ परिवार से जोड़ने का प्रयास किया है। आपको या तो पता नहीं होगा या जानकर भी आप अनजान बन रहे हो।’

 

संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के इस दावे पर कि भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए सामाजिक कार्यकर्ताओं के आंदोलन को उनके संगठन का समर्थन है,  अन्ना ने कहा, ‘मैं ईश्वर को मानने वाला हूं और ईश्वर को साक्षी रखकर कहूंगा कि रामलीला मैदान में आरएसएस का एक भी कार्यकर्ता 12 दिन में एक बार भी मुझे आकर नहीं मिला और न ही मेरे आंदोलन में दिखाई दिया।’

 

उन्होंने कहा, ‘अगर भागवत ने कहा है कि अन्ना के आंदोलन में हम सहभागी थे तो जैसे आपकी पार्टी (कांग्रेस) मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रही है, वैसे ही आरएसएस भी मेरी बदनामी की कोशिश कर रही है, ऐसा मैं मानता हूं। या तो आप दोनों ने मिलकर मेरी बदनामी की कोशिश की होगी।’ अन्ना ने कहा, ‘मेरा मानना है कि क्या आपकी पार्टी, क्या भाजपा और क्या आरएसएस, कोई मेरी कितनी भी बदनामी की कोशिश करे, सत्य हमेशा सत्य होता है।’

 

गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा कि देश की जनता को भाजपा, कांग्रेस या आरएसएस से कोई लेनादेना नहीं है। जनता भ्रष्टाचार से परेशान है, भ्रष्टाचार को मिटाने की कोशिश जब तक आप और आपकी पार्टी की सरकार नहीं करेगी, तब तक इन झूठी बातों का जनता पर कोई असर नहीं होगा। इसका अनुभव आपके बड़े-बड़े नेताओं ने किया है।

 

संघ की ओर से उन्हें लिखे गए पत्रों के आधार पर उनका संघ परिवार से रिश्ता जोड़े जाने के दिग्विजय के दावों पर अन्ना ने कहा, ‘हमारे आंदोलन को शिकस्त देने के लिए आप आरएसएस के सुरेश भैया का पत्र जनता को दिखा रहे हैं। ऐसे पत्र को सबूत आप बना रहे हैं। सबूत तो वह हो सकता है जब ऐसे पत्र का मैंने जवाब दिया हो। ऐसा कोई पत्र है तो सबूत हो सकता है।’

 

उन्होंने कहा, ‘30 साल से समाज और देश की भलाई के लिए मैं बदनामी झेलते आया हूं और आगे भी बदनामी सहन करने की तैयारी कर रखी है। जिस पेड़ पर फल होते हैं, उसी पेड़ पर लोग पत्थर मारते हैं, इस बात को मैं अच्छी तरह जानता हूं।’ भाजपा द्वारा उन्हें राष्ट्रपति पद का अगला उम्मीदवार बनाए जाने के सब्जबाग दिखाने के दिग्विजय के दावे पर अन्ना ने कहा, ‘ना तो राष्ट्रपति बनने की मेरी पात्रता है और न ही दिल में राष्ट्रपति बनने की मेरी इच्छा। समझ में नहीं आता कि ऐसे में क्यूं कांग्रेस और भाजपा वाले हवा में तीर चला रहे हैं।’

 

हिसार लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं देने की जनता से की गई अपील पर दिग्विजय की नाराजगी के बारे में अन्ना ने कहा कि उनकी पार्टी जनलोकपाल विधेयक और लोकायुक्त विधेयक को कानून बनाने में टाल-मटोल कर रही है। इसीलिए उन्होंने कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील की। लेकिन ये भी तो नहीं कहा कि भाजपा को वोट दो। अन्ना ने कहा, ‘आप चिट्ठी में लिखते हैं कि कांग्रेस और अन्य दलों के भीतर फर्क करना चाहिए। मुझे और साथ ही जनता को भी यह लगता है कि कुछ पार्टियां भ्रष्टाचार के बारे में मानो ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही हैं। किसी ने ग्रेजुएशन कर लिया है तो किसी ने भ्रष्टाचार में डॉक्टरेट पाई है। कौन सी पार्टी साफ है, यह बड़ा सवाल है।’

 

राजनीति में आने की दिग्विजय की सलाह पर उन्होंने कहा, ‘आपने मुझे राजनीति में आने की सलाह दी, लेकिन मैंने तय किया है कि शरीर में प्राण हैं तब तक किसी भी पक्ष और पार्टी की राजनीति में नहीं जागा।’ अन्ना ने कहा, ‘मेरा तो ये दावा है कि बीजेपी और कांग्रेस आपस में मतभेद दिखाकर जनता को भुलावे में डाल रहे हैं, लेकिन दोनों पार्टियों में कोई विशेष फर्क नहीं दिखता है।’

 

हिसार में कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील के बारे में दिग्विजय की शिकायत पर उन्होंने कहा, ‘आपको अगर लगता है कि कांग्रेस को वोट मत दो, ऐसा प्रचार करने से बीजेपी को लाभ होगा तो कांग्रेस उनको ऐसा लाभ उठाने का मौका क्यों दे रही है? जनलोकपाल और लोकायुक्त कानून अगर शीघ्र बनते हैं तो क्या उनको (कांग्रेस को) लाभ नहीं होगा।’

First Published: Saturday, October 15, 2011, 17:54

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