अन्ना के प्रस्तावों से चुनाव आयोग असहमत - Zee News हिंदी

अन्ना के प्रस्तावों से चुनाव आयोग असहमत

नई दिल्ली : निर्वाचन आयोग टीम अन्ना के चुनाव सुधार प्रस्तावों से सहमत नहीं है। आयोग का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार (राइट टू रिकॉल ) की टीम अन्ना की मांग से देश में अस्थिरता आएगी, जबकि खारिज करने का अधिकार (राइट टू रिजेक्ट) से देश में बार-बार चुनाव होंगे।

 

वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण के नेतृत्व में टीम अन्ना के तीन सदस्यीय दल ने मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी और आयुक्तों वी. एस. संपत व एच. एस. ब्रह्मा के साथ बैठक कर चुनाव सुधारों के मुद्दों पर चर्चा की थी।
अन्ना हजारे ने अगस्त में जनलोकपाल मुद्दे पर अपना अनशन खत्म करने के समय घोषणा की थी कि उनका अगला आंदोलन चुनाव सुधारों के लिए होगा।

 

आयोग की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि राइट टू रिकॉल पर अमल से अस्थिरता आएगी क्योंकि चुनाव हारने वाले लोग पहले ही दिन से इस तरह का अभियान शुरू कर देंगे। राइट टू रिजेक्ट के बारे में आयोग का मत है कि इसके लिए जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधन की जरूरत होगी।

 

टीम अन्ना का दावा है कि प्रशासनिक आदेश के जरिए भी यह अधिकार मतदाताओं को दिया जा सकता है। अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर यह दावा किया था कि आयोग ने चुनावों के दौरान मतदाताओं को खारिज करने का अधिकार देने के लिए नियमों में बदलाव की उनकी मांग स्वीकार कर ली है। इसके बाद ही आयोग की ओर से यह वक्तव्य आया है। कुरैशी ने टीम अन्ना से कहा कि वापस बुलाने का अधिकार दिए जाने से विकास गतिविधियां बाधित होंगी क्योंकि बार-बार चुनाव होंगे और चुनाव आदर्श आचार संहिता को अकसर लागू किया जाएगा।

 

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि यह अधिकार देने के विभिन्न नतीजे होंगे। इससे वापस बुलाने की याचिका दायर करने वाले मतदाताओं की न्यूतनतम संख्या, हजारों हस्ताक्षरों की प्रामाणिकता के सत्यापन और हस्ताक्षर स्वैच्छिक होने या जबरदस्ती किए जाने जैसे मुद्दे सामने आएंगे। टीम अन्ना ने इससे सहमति जताई कि इन सभी बातों को ध्यान में रखकर इस मुद्दे पर अधिक विचार-विमर्श करने की जरूरत है।

 

वक्तव्य के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने आयोग को आश्वस्त कराया कि वह चुनावी प्रक्रिया में जनता की अधिक भागीदारी के लिए प्रचार अभियान चलाएगा। टीम अन्ना और आयोग के बीच हुई इस बैठक में चुनावी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार रोकने, राजनीति के अपराधीकरण को रोकने और चुनावी व्यवस्था को मजबूत करने के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। (एजेंसी)

First Published: Wednesday, November 2, 2011, 18:25

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