अन्ना ने सरकार को चेताया, बन रही है विरोध की ‘लहर’

अन्ना ने सरकार को चेताया, बन रही है विरोध की ‘लहर’

अन्ना ने सरकार को चेताया, बन रही है विरोध की ‘लहर’नई दिल्ली : गांधीवादी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को अपने अनशन के दूसरे दिन सरकार को चेतावनी दी कि उसके विरोध प्रदर्शन की ‘लहर’ बन रही है और अगर वह सशक्त लोकपाल विधेयक नहीं लाई तो उसे सत्ता से जाना होगा।
रविवार की भारी भीड़ के बाद आज यहां अनशन स्थल जंतर मंतर पर सुबह लोग कम दिखे, लेकिन दिन चढने के साथ ही समर्थकों की संख्या में वृद्धि हुई और दोपहर बाद संख्या 3,000 के करीब जा पहुंची।

हल्की बूंदा बांदी के बीच हजारे ने आज 11 बजे मंच संभाला और कहा कि देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की लहर बन रही है । मुझे ऐसा लग रहा है कि सरकार को एक सशक्त लोकपाल विधेयक लाना होगा या उसे जाना होगा।

उल्लेखनीय है कि अन्ना के अनशन का यह दूसरा दिन है जबकि उनकी टीम के अन्य तीन लोग पिछले छह दिनों से अनशन पर बैठे हैं। टीम अन्ना ने कहा है मुद्दे के समाधान के लिए सरकार को गांधीवादी कार्यकर्ता के पास दूत भेजना होगा।

टीम अन्ना ने उत्तरी पावर ग्रिड में आई खराबी को भी साजिश करार दिया और आरोप लगाया कि ये सब इसलिए हो रहा है ताकि अन्ना के अनशन स्थल पर भीड़ नहीं जुट सके। रामदेव के कल गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करने पर कड़ा रूख अख्तियार करने वाली टीम अन्ना आज अपने रुख में नरमी लाई और कहा कि रामदेव और अन्ना दोनों भ्रष्टाचार के विरूद्ध लड़ रहे हैं। उसके अनुसार रामदेव ने कालेधन के खिलाफ मोर्चा खोला है जबकि अन्ना जनलोकपाल कानून लाने के लिए लड़ रहे हैं।

किरण बेदी ने कहा कि अन्ना और रामदेव के रास्ते अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन भ्रष्टाचार के सवाल पर दोनों साथ हैं। हालांकि टीम अन्ना की कोर कमिटी के अन्य सदस्य संजय सिंह ने गुजरात के मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने 15 मंत्रियों को बचा रहे हैं, उसी तरह नरेंद्र मोदी अपने तीन मंत्रियों को बचा रहे हैं जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप है। सिंह ने सभी राजनीतिक दलों को निशाने पर लिया और कहा कि आंदोलन को ना तो सत्तापक्ष का साथ है और ना ही विपक्ष का।

अन्ना समर्थकों ने कृषि मंत्री शरद पवार के घर के बाहर भी धरना प्रदर्शन किया। इस बाबत पूछे जाने पर किरण बेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री और पवार के घर के बाहर हुए प्रदर्शनों के बाद इस तरह के प्रदर्शनों में वृद्धि होगी क्योंकि यह लोगों का गुस्सा है जो सामने आ रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार से किसी तरह की बातचीत शुरू हुई है, उन्होंने कहा कि किसके साथ बातचीत ? किसपर हमें भरोसा करना चाहिए? सरकार क्यों नहीं आती? अगर वे अन्ना से बात करना चाहते हैं तो उन्हें दूत भेजना चाहिए।

अन्ना के प्रमुख सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने जनता का उत्साह बढ़ाने और लोगों को अनशन स्थल पर आने के लिए प्रेरित करने के प्रयास में ट्विटर पर लिखा कि इस बार करो या मरो। यह सप्ताह देश को समर्पित कीजिए। आप अपने कार्यालय और कालेज से छुट्टी लीजिए। सड़कों पर आइए। केवल एक सप्ताह के लिए। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिये प्रार्थना कीजिए। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य भारत का है और यह जल्द होगा। अनशन स्थल पर कार्यक्रम का संचालन कर रहे टीम अन्ना के सदस्य कुमार विश्वास ने कहा कि सरकार जो चाहे कर ले, लोग फिर भी बाहर आएंगे और आंदोलन में शरीक होंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार ग्रिड को काट सकती है, बिजली आपूर्ति रोक सकती है, मेट्रो बंद करवा ले, बस ऑटो भी बंद करवा ले पर फिर भी लोग अन्ना के आंदोलन में भाग लेंगे। (एजेंसी)

First Published: Monday, July 30, 2012, 21:15

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