Last Updated: Monday, December 10, 2012, 21:09
नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र के एक शीर्ष अधिकारी ने दावा किया कि अफगानिस्तान में अपने शासन के दौरान लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ फतवा जारी करने वाले कुछ तालिबानी नेता संयुक्त राष्ट्र की मदद से चलाये जा रहे स्कूलों में अपनी बेटियों को भेजते हैं।
अफगानिस्तान में 1998 से 2001 तक यूनीसेफ के प्रतिनिधि रहे लुइस जार्ज आर्सेनॉट ने यह भी दावा किया कि तालिबान ने अपने शासन (1996 से 2001 तक) के दौरान लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ फतवे जारी किये क्योंकि इस संगठन को डर था कि सड़कों पर लड़कियों और महिलाओं का ‘आंदोलन’ उनके लड़ाकों का उनके काम से ‘ध्यान भंग करेगा।’ कुछ महीने पहले यूनीसेफ भारत के प्रतिनिधि का पद संभालने वाले आर्सेनाट ने यहां नागरिक संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा पर राष्ट्रीय विचार विमर्श को संबोधित करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
आर्सेनाट ने कहा कि अपने शासन के दौरान तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा के खिलाफ फतवा जारी किया और घोषणा की थी कि देश में लड़कियों को शिक्षा नहीं दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि शीर्ष तालिबानी अधिकारियों ने संयुक्त् राष्ट्र के अधिकारियों ने ‘खुलेआम’ कहा था कि फतवा इसलिए जारी किया गया क्योंकि वे चाहते हैं कि उनके लड़ाके अपने कार्य पर ध्यान दें और महिलाओं तथा लड़कियों के आंदोलन से उनका ध्यान भंग नहीं हो। उन्होंने कहा कि कुछ तालिबानी लड़ाके अपनी लड़कियों को स्कूल भेज रहे हैं। (एजेंसी)
First Published: Monday, December 10, 2012, 21:09